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उदयपुर

जीवन विज्ञान बताता है शुद्धि और जीवन निर्माण

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का 5वां दिन जीवन विज्ञान दिवस

उदयपुरOct 01, 2019 / 02:24 am

Pankaj

Religious event

जीवन विज्ञान बताता है शुद्धि और जीवन निर्माण

उदयपुर . अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का पांचवां दिवस ‘जीवन विज्ञान दिवसÓ के रूप में मनाया। मुनि प्रसन्न कुमार के सानिध्य में देहली पब्लिक स्कूल में आयोजन हुआ। मुनि ने कहा कि सकारात्मक सोच मनुष्य को सफल बनाती है। जीवन विज्ञान, जीवन निर्माण एवं शुद्धि की बात करता है। मनुष्य को सर्वप्रथम अच्छा इंसान बनने का प्रयास करना चाहिए। अणुव्रत समिति के सचिव डॉ सुरेंद्र छंगाणी ने बताया कि प्रारम्भ में डॉ. विजय लक्ष्मी नैनावटी एवं कांता कोठारी ने मंगलाचरण किया। अध्यक्ष डॉ . निर्मल कुणावत ने अणुव्रत आंदोलन की जानकारी दी। मुख्य अतिथि सीआईडी उदयपुर जोन के पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल थे। संरक्षक गणेश डागलिया, एच. एल. कुणावत, कोषाध्यक्ष सुनील खोखावत, सलाहकार अरुण कोठारी, सुरेंद्र बाबेल मौजूद थे।
साधुमार्गी संघ स्थापना दिवस मनाया
57वां आचार्य नानेश युवाचार्य दिवस, 57वां साधुमार्गी जैन संघ स्थापना दिवस व 29 वां आचार्य रामेश मुनिप्रवर दिवस पर पौषधशाला भवन में धर्मसभा हुई। मुनि ने कहा कि संघ का बडा महत्व है। संघ की सेवा कर हम तिर सकते हैं। संघ से हमे वस्तुत: बोध होता है।
जिनवाणी धर्म सम्मेलन
दिगंबर जैन नरसिंहपुरा तेरापंथ समाज का जिनवाणी धर्म सम्मेलन डाकन कोटड़ा बाहुबली विहार स्थित मुनीसुव्रत नाथ जैन मंदिर में हुआ। मंत्री डॉ. महावीर प्रसाद जैन ने बताया कि जिनवाणी धर्म सम्मेलन का शुभारंभ नेहल जैन व रुचि भदावत के मंगलाचरण से हुआ। मुख्य अतिथि समाज के संरक्षक गणेशलाल सलावत थे। अध्यक्षता समाज के सी.पी. दामावत ने की।
राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने कहा कि जो नारी अपने आप को अबला मानती है, वह उसकी नादानी है। जो अबला कह कर पुकारता है, वह अज्ञानी है। मुनि ने यह बात उपाध्याय प्रवर मूलचंद के शताब्दी समारोह पर महिला स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कही। कहा कि नारी अनंत शक्ति की प्रतीक और ऊर्जा का भंडार है जिसमें में पूरे विश्व के निर्माण की क्षमता मौजूद है। अध्यक्षता पूर्व महापौर रजनी डांगी ने की। मुख्य वक्ता हिम्मत सिंह वडाला, कन्हैलाल मेहता, ओंकारसिंह सिरोया थे।
दो हजार श्रावकों ने की आराधना
अरिहंतमार्गी आचार्य ज्ञानचंद्र के जन्मोत्सव पर चार दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन दो हजार से अधिक श्रावकों ने सामायिक साधना की। सह संयोजक सुभाष बड़ालमिया ने बताया कि श्रावक-श्राविकाओं ने पूर्ण सामायिक गणवेश में पांच-पांच सामायिक की आराधना कर साधना दिवस मनाया।
दु:ख को अपाहिजपना समझते
जैन श्वेताम्बर महासभा की ओर से आयड़ तीर्थ पर आत्मवल्लभ आराधना भवन में वर्षावास कर रही साध्वी लक्षितज्ञा ने सोमवार को धर्मसभा में कहा कि दु:ख को व्यक्ति एक तरह का अपाहिजपना समझता है, जिसमें उसे सहानुभूति की वैशाखियों की जरूरत होती है, जिसके दोनों पैर सबल है।

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