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Republic Day Special : उदयपुर के शिल्पकार की अनूठी देशभक्ति, शायरियों में उकेरीं संविधान की विशेषताएं

Republican Day of India इकबाल सक्का ने आजादी की 75वीं जयंती पर Constitution Of India पर विशेष कार्य

उदयपुरJan 26, 2022 / 12:05 pm

madhulika singh

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iqbal sakka

उदयपुर. देश के इतिहास में पहली बार उदयपुर के स्वर्ण शिल्पकार इकबाल सक्का ने दुनिया के सबसे लंबे Constitution Of India भारतीय संविधान की विशेषताओं को गजल व शायरियों में लिखा है। विशेष बात तो यह है कि उन्होंने इन शायरियों को संविधान की प्रति के रूप में भी उकेरा है। शिल्पकार इकबाल सक्का ने बताया कि आजादी की 75वीं जयंती और Republican Day of India गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में संविधान के गौरव को सम्मान देने के लिए उन्होंने संविधान की विशेषताओं को गजल रूप में लिखने का प्रयास किया है।
120 पृष्ठों में 615 शायरियां

सक्का के अनुसार, संविधान की गजलमयी विशेषताओं को चर्मपत्र पर 120 पृष्ठों में 615 शायरियों के माध्यम से शब्दों में चित्रित किया गया है। इसके प्रथम पृष्ठ पर शीर्षक संविधान-ए-गजल को चांदी के अक्षरों में लिखा है। उन्होंने बताया कि भारतीय मूल संविधान की तर्ज पर इस संविधान की गजल पुस्तिका का प्रत्येक पृष्ठ 58.4 सेमी ऊंचा व 47.7 सेमी चौड़ा है तथा वजन 13 किलो है। इसे मूल संविधान की तरह ही काली स्याही में लिखा गया है। गौरतलब है कि सक्का ने इसे विश्व का पहला व सबसे लंबा चर्मपत्र पर हस्तलिखित संविधान-ए-गजल होने का दावा किया है। इससे पूर्व आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में वे एक सूक्ष्म तिरंगा भी बना चुके हैं।
इस तरह लिखी हैं शायरियां-
स्वर्ण शिल्पकार सक्का ने मूल संविधान में लिखी इबारतों के मंतव्य का समावेश करते हुए गजल रूप में शायरियों केे माध्यम से प्रस्तुत किया है। ये शायरियां कुछ इस तरह हैं –
इब्तिदा करता हूं मैं, पढकऱ संविधान हमारा।
लिख रहा हूं मैं गजल में, संविधान हमारा।।
हर धर्म व मजहब को, लगाने गले सिखाता।

प्रकृति पर्यावरण की हिफाजत का संविधान हमारा।।
दख़ल अन्दाजी न होगी लेखनी-ए-कलम पर।

आज़ाद रही कलम आज़ादी का संविधान हमारा।।
प्यासा न रहे कोई भूखा न सोए कोई कभी।
सरकार को देता हुक्म संविधान हमारा।।
चरीन्दे हो या परिन्दे रखा सबका ख्याल।

कुछ नहीं रखता कसर ऐसा संविधान हमारा।।

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