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उदयपुर

आयड़ नदी विकास का मामला: सब कुछ खबर है फिर भी क्यों बेखबर? उदयपुर की वेनिस को लेकर नेताओं ने दिए ये बयान…

आयड़ सौन्दर्यन के लिए जिस तरह से ट्रंक लाइन का काम हो रहा है, उससे तो लग रहा है कि सालों लग जाएंगे।

उदयपुरJun 23, 2018 / 10:32 am

Jyoti Jain

restoration of ayad river udaipur

आयड़ नदी विकास का मामला: सब कुछ खबर है फिर भी क्यों बेखबर? उदयपुर की वेनिस को लेकर नेताओं ने दिए ये बयान…

उदयपुर . वेनिस की तरह आयड़ को विकसित करने की मंशा जताने वाले जनप्रतिनिधि अब कार्य की कछुआ चाल से परेशान हैं। कुछ सार्वजनिक तो कुछ दबे स्वर कह रहे हैं कि आरयूआईडीपी की ढिलाई और जिला कलक्टर की ओर से सही मॉनिटरिंग नहीं करने से आयड़ नदी विकास परियोजना का लाभ शहरवासियों के लिए अभी दिवास्वप्न है।
कछुआ चाल से कार्य हो रहे हैं तो जनप्रतिनिधि इतने चुप कैसे बैठे हैं? उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की? ढिलाई पर क्या कहती है कार्यकारी एजेंसियां? इन मुद्दों पर पत्रिका टीम ने शुक्रवार को फिर जिम्मेदारों को टटोला तो कार्य एक-दूसरे पर डालते ही नजर आए।

बड़ी अड़चन ट्रंक लाइनों का नहीं बिछना
परियोजना की गति में ट्रंक लाइनों की अड़चन है क्योंकि जब तक यह नहीं बिछेगी, आगे का कार्य नहीं होगा। आयड़ के प्रथम चरण में जो एनिकट बन रहे हैं। करीब १३९ नालों को दोनों छोर पर १७०० मीटर की ट्रंक लाइन में डालना है। यह काम धीमा चल रहा है जिससे बाकी के काम में देरी होना तय है। ऐसे में पाथ-वे के बारे में भी नहीं सोचा जा सकता।
नेताओं के बयान और जनता के सवाल

रफ्तार धीमी, कलक्टर को कहा है- गृहमंत्री
कार्य तो एग्रीमेंट के अनुसार ही होगा लेकिन जो रफ्तार होनी चाहिए, वह नहीं है। इसके लिए जिला कलक्टर को मॉनिटरिंग के लिए कहा है ताकि समय पर कार्य हो सके।

सवाल – रफ्तार नहीं है तो जिम्मेदार लोगों ने क्या किया? कलक्टर ने बैठक ली लेकिन सतत निगरानी नहीं रखी तो कलक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए थी। शहरवासियों को जो सपना दिखाया गया है, उसे स्वयं आपने अपना प्रमुख एजेंडा बताया तो अब इसमें देरी बर्दाश्त कैसे?
ऐसे तो सालों लग जाएंगे-महापौर
आयड़ सौन्दर्यन के लिए जिस तरह से ट्रंक लाइन का काम हो रहा है, उससे तो लग रहा है कि सालों लग जाएंगे। आरयूआईडीपी को दो साल में आयड़ किनारे कुल १८ किलोमीटर ट्रंक लाइन बिछाने का जो काम दिया है, उसकी फाइल मैंने मंगवाई है ताकि उन्हें पाबंद कर सके।

सवाल- अब फाइल मंगवाई है तो इससे पहले नींद क्यों नहीं खुली। कई समीक्षा बैठकों में तो आप स्वयं मौजूद रहे। जब गृहमंत्री शहर मेें होते हैं तब क्यों नहीं आयड़ को लेकर कोई विशेष बैठक प्लान की। जब स्वयं धीमे कार्य से परेशान हैं तो फिर जनता का क्या?

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