मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत दो इन्टर्न यहां छात्राओं के छात्रावास के एक हिस्से पर सीढ़ी लगाकर चढ़ गए। जैसे ही पहले माले पर चढ़े तो वहां तेज-तेज आवाजें आने लगी। इस बीच अध्ययन कर रही कुछ छात्राएं बाहर आईं। पहले तो वे समझी कि सुरक्षाकर्मी होगा, लेकिन जब दो जनों के बोलने की आवाजें आईं तो उन्हें लगा कि कोई और है। छात्राओं ने लाइट्स जलाकर देखी तो सामने दो इन्टर्न खड़े थे। पूछने पर उन्होंने दो छात्राओं के नाम बताते हुए कहा कि वे उनसे मिलने आए हैं। तब वहां मौजूद छात्राओं ने विरोध जताते हुए चले जाने को कह दिया। दोनों इन्टर्न कथित तौर पर नशे में बताए गए। वे उलटे छात्राओं को डांटकर धमकाने लगे। छात्राओं ने वार्डन डॉ. सुनीता भार्गव के कक्ष का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वे गहरी नींद में होने से बाहर नहीं आई। इसी बीच वहां सुरक्षाकर्मी पहुंचा और दोनों इन्टर्न को भगा दिया। वे बाइक लेकर वहां से भाग छूटे। कुछ देर बाद दोनों सीढ़ी लेने फिर से छात्रावास आ धमके। इस पर एक बार फिर सुरक्षाकर्मी उनके पीछे भागा और उन्हें वहां से भगा दिया। मामले में डॉ. भार्गव ने प्राचार्य को पत्र लिखा। प्राचार्य ने जांच कमेटी गठित की। उन्होंने इसकी जांच रिपोर्ट 19 जुलाई को सौंपकर दोनों इन्र्टन को दोषी भी बताया।
इस संबंध में ज्यादा जानकारी प्राचार्य ही दे सकते हैं।
डॉ सुनीता भार्गव, वार्डन, गल्र्स हॉस्टल, आरएनटी मेडिकल कॉलेज ये थे जांच कमेटी में
डॉ. सुशीला खोईवाल, डॉ. नरेन्द्र बंसल और डॉ. सुशील खेराड़ा ने इस मामले में जांच की थी। बताया जा रहा है कि जांच कमेटी के पास उन छात्रों के देर रात छात्रावास में जाने से लेकर वहां से भागने तक के फोटो और वीडियो उपलब्ध हैं।
तीन सौ से अधिक छात्राएं हैं हॉस्टल में
इस हॉस्टल में करीब तीन सौ से अधिक छात्राएं रहकर अध्ययन कर रही है। इस संबंध में प्राचार्य डॉ. डीपी सिंह से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया। कई बार फोन करने के बावजूद उन्होंने जवाब नहीं दिया।