वाहनों के बोझ तले दबे उदयपुर शहर के दस थाना क्षेत्रों में कोई भी दिन बिना दुर्घटना के नहीं गुजर रहा है। टूटी-फूटी सडक़ों के बीच दुपहिया व चारपहिया वाहनों की भिड़न्त में मौत व घायलों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सर्वाधिक डेन्जर जोन की श्रेणी में शामिल प्रतापनगर-बलीचा बाइपास व उससे लगते चौराहे पर आए दिन चीखें सुनाई दे रही है। कई प्वाइंट पर दुर्घटना जोन होने के बावजूद पुलिस गंभीर नहीं हो पाई। जिले में 2 वर्ष में 41 थाना क्षेत्र में 2703 दुर्घटनाएं हुईं, इनमें 1034 लोग मारे गए तो 3236 लोग घायल हुए। शहर में सर्वाधिक हादसे प्रतापनगर-बलीचा बाइपास पर ही हुए।
हाइवे से सटे गांव आहत
हाइवे पर सरपट दौडऩे वाले वाहनों के चक्कों में ग्रामीण अकाल मौत के शिकार हुए। हाइवे से सटी करीब 67 पंचायतों में ऐसा कोई गांव नहीं बचा जहां गुजरने वाली सडक़ से हादसे में मौत नहीं हुई हो। इन गांव में आए दिन दुर्घटनाओं में मौत का बढ़ता आंकड़ा चिंता का विषय है।
READ MORE : video : भाभी को डायन समझ साला-जीजा ने दी थी हत्या की सुपारी, तीन गिरफ्तार हर थानाक्षेत्र में हुई मौत – वर्ष 2016 थाना दुर्घटना मृतक घायलप्रतापनगर- 97 -29 -100
हिरणमगरी-92- 21 -77
सुखेर- 90 -31 -73
गोवर्धन वि.-86- 38 -81
ऋषभदेव- 59 -30- 77
डबोक- 48 -14- 45
खेरवाड़ा-47 -29- 72
परसाद- 41 -26 -30
टीडी- 28- 12 -30
वर्ष 2017 दुर्घटना -मृतक -घायल
113 – 35 – 118
88 -23- 87
108 -25 -113
84- 44 -75
65 -32- 63
40 -19 -40
51 -32 -03
35 -25 -44
32- 16 -45 जाम के हालात के बीच टूटते रहे नियम-कायदे
उदयपुर. जिला प्रशासन व परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को 29वें राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा सप्ताह के तहत शहर में जागरूकता का संदेश देते हुए वाहन रैली निकाली गई। कई जगह पार्किंग व यातायात अव्यवस्था को सुचारू किया गया तो हेलमेट पहनने के लिए वाहन चालकों से समझाइश भी की गई, लेकिन वाहनों के बोझ तले दबे शहर के प्रमुख चौराहों पर व्यवस्था जस की तस रही। कई जगह जाम के हालत के बीच वाहन चालक नियमों को तोड़ते नजर आए।