यहां कांग्रेस की सभी खेमे एक स्वर में गहलोत के साथ होने की बात बोले। पायलट के जाने के बाद अब रघुवीर सिंह मीणा का उदयपुर में ओहदा बढ़ गया है। अब तक संगठन की चीजों में रघुवीर के लिए उदयपुर में कई मुश्किलें थी लेकिन अब सीधे तौर उनकी भी मानी जाएगी। इसका असर राजनीतिक नियुक्ति से लेकर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष तक भी दिखने को मिलेगा। दूसरी तरफ दयाराम परमार भी ओहदे के लिए लाइन में है। भाजपा के उदयपुर जिले में 6 ही विधायक कटारिया के साथ है।
राजसमंद : डॉ जोशी के साथ रहा हूं और आगे भी रहूंगा-देवकी
राजसमंद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष देवकीनदंन गुर्जर ने कहा कि जनता द्वारा दिए गए जनादेश की अवहेलना व उसे नजरअंदाज करना भाजपा के बड़े नेताओं की एक नीति बन गई है। उन्होंने कहा, ‘मैं तो शुरू से ही डॉ जोशी के साथ रहा हूं और आगे भी रहूंगा। उनके नेतृत्व में कार्य करेंगे। मैं कांग्रेस का सिपाही हूं और रहूंगा। इधर, राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि गहलोत बहुमत खो चुके हैं, उन्हें नैतिक आदर्शों का सम्मान करते हुए तुरन्त त्याग पत्र दे देना चाहिए।
चित्तौडगढ़़ : गहलोत से भी आंजना के संबंधों में सुधार आया जिले में 5 में से कांग्रेस के 2 विधायक है। निम्बाहेड़ा से आने वाले सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को चुनाव के समय पायलट के नजदीक माना जाता था लेकिन मंत्री बनने के बाद पिछले कुछ माह से गहलोत से भी आंजना के संबंधों में सुधार आया। आंजना पार्टी के साथ होने की बात कह रहे है। बेगूं विधायक राजेन्द्रसिंह विधुड़ी सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी को ही अपना नेता बताते है लेकिन इस समय वे भी गहलोत कैंप में बताए गए है। पायलट कैम्प के जिलाध्यक्ष मांगीलाल धाकड़ अभी पार्टी को ही माइबाप बता रहे है।
प्रतापगढ़ जिले में कांग्रेस के एक मात्र विधायक है रामलाल मीणा, वे मुख्यमंत्री गहलोत के खेमे में है। यहां पूरी पार्टी इस वक्त गहलोत के साथ है, किसी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है।
राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों को प्रलोभन देने संबंधी मामले में हुई बातचीत को लेकर निर्दलीय विधायक रमिला खडिय़ा व बागीदौरा विधायक महेंद्र जीत सिंह मालवीया का नाम आने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म था, लेकिन दोनों ही विधायकों ने कांग्रेस से बरसों से जुड़ाव गहलोत के पक्ष में होने के बयान देकर तरह-तरह की चर्चाओं पर विराम लगाया। जानकारों की मानें तो मंत्रिमण्डल विस्तार में वागड़ के नेताओं का कद भी बढ़ाया जा सकता है। राज्यमंत्री अर्जुन बामनिया की भूमिका भी अहम रही।
सोमवार तक बीटीपी विधायक जहां सरकार के साथ होने के दावे किए जा रहे थे, वहीं मंगलवार को बीटीपी ने मुद्दों की प्राथमिकता की बात कहते हुए समर्थन के निर्णय को पार्टी और सामाजिक कमेटी स्तर पर तय करना बताते हुए संशय बढ़ा दिया। प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण दायित्व देने की शुरूआत डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा को यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपने से शुरू भी हो गई हैं।