अली को वर्ष 2014 में बन्नरगट्टा चिडिय़ाघर (बेंगलूरु) से लाया गया था, जबकि सारा इसी साल जुलाई में पिलीकुला से लाई गई थी। इससे पहले अली का साथी प्रशांत था, जो सारा के एवज में दिया गया था। इस सारी कवायद का मकसद था कि सारा और अली सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में अपनी फैमिली बढ़ाएं। चूंकि अब तक दोनों अलग-अलग एनक्लोजर्स में थे, इसलिए एक-दूसरे से बेखबर थे। परिवार बढ़ाने के लिए अब इन्हें एक ही एनक्लोजर में रखना शुरू किया गया है। फिलहाल, इन्हें दिनभर में एक घंटे के लिए साथ रख रहे हैं ताकि ये परिचित हो जाएं और एक-दूसरे से उलझ न पड़े। धीरे-धीरे यह समय बढ़ाया जाएगा।
READ MORE: उदयपुर बागोर की हवेली से जुड़ा ये सच चौंका देगा अपको, पश्चिम सांस्कृतिक केंद्र की वेबसाइट पर थी ये गलत जानकारी
बुलाए गए थे फायर ब्रिगेड व शूटर : सूत्रों का कहना है कि गत दिनों सारा और अली को जब पहली बार एक ही एनक्लोजर में रखा गया था, तब फायर ब्रिगेड, शूटर सहित सभी एहतियाती उपाय किए गए थे। फायर ब्रिगेड को इसलिए बुलाया गया ताकि अगर कहीं दोनों लड़ जाएं तो इनको जख्मी होने से पहले पानी की बौछार से दूर किया सके, वहीं शूटर जरूरत होने पर शेर-शेरनी को ट्रंकुलाइज कर सकें। वैसे पहले दिन से अब तक ऐसी नौबत नहीं आई है।
बुलाए गए थे फायर ब्रिगेड व शूटर : सूत्रों का कहना है कि गत दिनों सारा और अली को जब पहली बार एक ही एनक्लोजर में रखा गया था, तब फायर ब्रिगेड, शूटर सहित सभी एहतियाती उपाय किए गए थे। फायर ब्रिगेड को इसलिए बुलाया गया ताकि अगर कहीं दोनों लड़ जाएं तो इनको जख्मी होने से पहले पानी की बौछार से दूर किया सके, वहीं शूटर जरूरत होने पर शेर-शेरनी को ट्रंकुलाइज कर सकें। वैसे पहले दिन से अब तक ऐसी नौबत नहीं आई है।
साथ में सहज है सारा : बायो पार्क के चिकित्सक डॉ. करमेन्द्र प्रताप के अनुसार अली और सारा एक-दूसरे से फ्रेंडली हो रहे हैं। इनके रिएक्शन को देखते हुए अनुमान है कि सारा जल्दी ही अली के साथ सहज हो जाएगी, जिसके बाद दोनों खुशखबरी दे सकते हैं।
&दोनों को मिलाप करवाया गया है और इस प्रकार नियमित थोड़े-थोड़े समय साथ रखा जा रहा है। हमारे केयरटेकर पूरी निगरानी कर रहे हैं।
– राहुल भटनागर, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव)