सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। स्कूल खुलने से छात्रों का सर्वांगीण विकास, जो अवरुद्ध हो गया था, उसे पुन: गति मिलेगी। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर गुरू-शिष्य परंपरा कायम करने की फिर नई शुरुआत होगी। मीडिया जगत से आग्रह है कि वे अपनी भूमिका को रचनात्मकता के साथ निभाएं एवं भम्र दूर करने के लिए विद्यालयों में सुरक्षा उपायों के साथ मनोवैज्ञानिक रहे, जो उन्हें भयमुक्त वातावरण व काउंसलिंग दे सके।
तीसरी लहर के खतरे के बीच स्कूल खोलना उचित नहीं
एक तरफ तो सरकार कोरोना की तीसरी लहर आने को लेकर चिंतित है। इस कारण सभी धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है वहीं दूसरी तरफ स्कूलों को खोलने का निर्णय लेकर तीसरी लहर को खुद आमंत्रित कर रही है, जबकि तीसरी लहर का खतरा भी बच्चों में ही ज्यादा बता रहे हैं। ऐसे में ये निर्णय उचित नहीं है।
जब तक वैक्सीन नहीं लगे तब तक नहीं खुले स्कूल
राजस्थान सरकार द्वारा स्कूल खोलने का जो फैसला लिया गया है वह सरासर गलत है। छोटे बच्चों के अभी तो कोई वैक्सीन नहीं आई है। जब 18 से अधिक आयु वर्ग के सभी बच्चों को एवं शिक्षकों को दोनों डोज लगे तत्पश्चात ही बड़े बच्चों के लिए भी स्कूल खोले जाने चाहिए। अत: सरकार से यही मांग है कि स्वविवेक से चर्चा कर पुन: इस निर्णय पर सोच समझकर परिवर्तन करे
पहले सभी का वैक्सीनेशन
अभी एक साथ 1 से 12 तक के बच्चों को बुलाने पर कोरोना का खतरा बढ़ जाता है। अभी बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। ऐसे में तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए अभी विद्यालय नहीं खुलने चाहिए। शिक्षकों व विद्यार्थियों दोनों का वैक्सीनेशन हो जाने पर स्कूल खोले जाएं।
सिर्फ एक दिन हो ऑफलाइन क्लास
स्कूल खुलना बहुत जरूरी है। ऑनलाइन शिक्षा से पूरा ज्ञान प्राप्त नहीं होता है। राजस्थान सरकार एसओपी जारी करे, जिसमें एक दिन ऑफलाइन क्लास हो और शेष ऑनलाइन हों। सभी शिक्षकों का टीकाकरण भी हो जाए।