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#sehatsudharosarkar : उदयपुर में यहां भामाशाह योजना की उड़ रही धज्जियां, गर्भवती महिला फोटो खिंचवाने और फाइल के लिए काउंटर के चक्कर काटने को मजबूर

उदयपुर. राज्य सरकार की फ्लेगशिप योजनाओं में शामिल भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की उपेक्षा हो रही है।

उदयपुरSep 24, 2017 / 01:17 pm

Sushil Kumar Singh

#sehatsudharosarkar : bhamashah yojana: udaipur pannadhay hospital
उदयपुर . राज्य सरकार की फ्लेगशिप योजनाओं में शामिल भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की पन्नाधाय राजकीय महिला चिकित्सालय में उपेक्षा हो रही है। योजना को दो साल बीतने के बाद भी प्रशासनिक अमला गरीबों के लिए अलग से काउंटर नहीं बना सका। मजबूरी में किराए के बीपीएल काउंटर पर ही योजना से जुड़े कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। स्टाफ और कम्प्यूटर के नाम पर भी कोई सुविधा विकसित नहीं हो पाई है। प्रशासनिक अनदेखी का खमियाजा दर्द से कराहती गर्भवती को फोटो खिंचाने और फाइल बनवाने के लिए वार्ड से काउंटर के कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। चिकित्सालय ने यहां बैठने वाले स्वास्थ्य मार्गदर्शकों के काउंटर पर बैठने के लिए कुर्सियां तक नहीं खरीदी है। स्टाफ की परेशानी को देखते हुए अधीक्षक कार्यालय से काउंटर के लिए दो कुर्सियां मिली हैं।
आवश्यकता के समय यह कुर्सियां खींच ली जाती हैं। मजबूरी में मार्गदर्शकों को खड़े होकर काउंटर पर सेवाएं देनी पड़ रही हैं। दूसरी ओर हकीकत यह है कि भामाशाह काउंटर से चिकित्सालय के राजस्व में करोड़ों रुपए जमा हो चुके हैं, लेकिन योजना हित में इस राशि का उपयोग नहीं हो रहा है।
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कायदा : 50 मरीज, एक मार्गदर्शक
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय की गाइड लाइन के हिसाब से ओपीडी में प्रति 50 मरीज पर एक स्वास्थ्य मार्गदर्शक होना चाहिए। दूसरी ओर चिकित्सालय में 1000 से अधिक ओपीडी के बावजूद केवल 3 मार्गदर्शक ही सेवाएं दे रहे हैं। मासिक 5 हजार लगभग तनख्वाह वाले अस्थायी मार्गदर्शकों के हाल यह हैं कि उन्हें नियमानुसार साप्ताहिक अवकाश ही नहीं मिलता। योजना को लेकर अब तक नए मार्गदर्शकों की भर्ती नहीं हुई है।
कम्प्यूटर किसका भगवान मालिक!
भामाशाह योजना के तहत बीपीएल काउंटर पर संचालित कम्प्यूटर किसका है, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं। निविदा शर्तों के तहत मेन विद् मशीन के नियमों से ठेकेदार को इस काउंटर पर कम्प्यूटर लगाना था, लेकिन हकीकत में यह कम्प्यूटर सरकारी है। लेकिन, सिस्टम में वायरस को लेकर एंटी वायरस डलवाने के नाम पर चिकित्सालय और ठेकेदार एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। ऐसे में संस्थानिक काम सफर हो रहा है। परेशानी मरीजों को हो रही है।

भामाशाह योजना : खाते में करोड़ों जमा
वर्ष/महीना लाभान्वित जमा हुई राशि
2015-16 218 44,000
2016-17 1060 49,15,200
अप्रेल-17 510 17,97,250
मई-17 478 19,81,775
जून-17 363 16,18,000
जुलाई-17 414 13,04,550
अगस्त-17 417 8,42,750


गर्भवती के दर्द भरे 5 चक्कर
-योजना के नियमों के तहत ओपीडी पर पर्ची कटाने के बाद गर्भवती चिकित्सक कक्ष में जाएगी।
-इसके बाद भर्ती होने की स्थिति में ओपीडी काउंटर से ही उसकी भर्ती पर्ची बनेगी।
-इसे लेकर वह भामाशाह काउंटर पर पहुंचेगी।
-यहां फोटो खींचकर फाइल तैयार कर महिला को वार्ड में भेजना होता है, लेकिन यहां की महिला को भामशाह के फोटो खिंचाने के लिए कई चक्कर काउंटर पर काटने होते हैं।
-इसकी वजह आउटडोर में बैठे चिकित्सक हैं, जो मौके से ही पैकेज नहीं लिखकर मरीज को सीधे वार्ड में भेज देते हैं।
नियम 24 घंटे का
कायदे से भामाशाह योजना का लाभार्थी किसी भी समय उपचार के लिए आ सकता है। इसी तरह हर मरीज को वार्ड में शिफ्ट करने से पहले उसकी भामाशाह फाइल तैयार करना भी अनिवार्य है। दूसरी ओर चिकित्सालय के काउंटर पर सुबह 8 से रात 11 बजे तक ही स्वास्थ्य मार्गदर्शक मौजूद रहता है। ऐसे में रोगी का रजिस्ट्रेशन अगले दिन होता है।
गरीब मरीजों का योजना में उपचार हो रहा है। इसलिए बीपीएल काउंटर बंद करना है। इसे व्यवस्थित करने के लिए पीडब्ल्यूडी को लिख चुके हैं। व्यवस्था सुधार के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
डॉ. सुनीता माहेश्वरी, अधीक्षक, पन्नाधाय महिला चिकित्सालय

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