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उदयपुर

जानलेवा सेल्फीमेनिया: सेल्फी डेथ कंट्रीज में शुमार हुआ भारत, क्या अब भी नहीं चेतेंगे हम..

सेल्फी का क्रेज दरअसल अब जानलेवा एडवेंचर बनता जा रहा है। मौज-मस्ती की चाह और कुछ नया कर गुजरने की ख्वाहिश रखनेवाले ज्यादातर युवाओं को जान से हाथ धोना

उदयपुरAug 11, 2017 / 02:45 pm

Mohammed illiyas

selfie
उदयपुर. यह अजीब विडंबना है कि महज एक सेल्फी का क्रेज युवाओं की जिंदगी को लील रहा है लेकिन ज्यादातर युवा इसे नजरअंदाज कर रहे हैं जिससे भयावह स्वरूप हम सामने देख रहे हैं जो चिंतित करने वाला है। उदयपुर में कठार नदी में युवक के डूबने की घटना हो या फिर बाइक चलाते समय सेल्फी लेते दुर्घटना का शिकार हुए युवक की बात ये घटनाएं इसका ज्वलंत उदाहरण हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत अब सेल्फी डेथ कंट्रीज में शुमार हो चुका है जहां सेल्फी के दौरान सबसे ज्यादा मौतें होती है। द वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया था कि साल 2015 में भारत में कई लोगों ने खतरनाक तरीके से सेल्फी लेने की कोशिश की। इस वजह से उनकी जान चली गई। दुनियाभर में सेल्फी के चक्कर में कई जानें गई जिनमें आधे से ज्यादा मौतें सिर्फ भारत में हुईं। यह आंकड़ा चिंतित करनेवाला है।
बीमारी बन रहा सेल्फीमेनिया
गीतांजलि कॉलेज व हॉस्पिटल के साइकेट्रिक डिपार्टमेंट हैड डॉ. डीएम माथुर के अनुसार, सेल्फीमेनिया या फिर कहें सेल्फीसाइटिस एक बीमारी के रूप में जाना जा रहा है। ये एक तरह का एडिक्शन है जैसे इंटरनेट का एडिक्शन। ये व्यक्ति के मनोभावों से और व्यक्तित्व से जुड़ी हुई चीज है। सेल्फी लेने वाला व्यक्ति अन्य लोगों को बताकर खुश हो रहा है। ये करने के लिए वह किसी भी हद तक जाता है और कोई भी रिस्क लेता है। यंगस्टर्स के अलावा बड़े भी इसकी जद में आ गए हैं। सेल्फी में चेहरे के साथ बैकग्राउंड महत्वपूर्ण होता है इसलिए लोग अपने फोटो को निखारने के लिए और एक अच्छी जगह दिखाने के लिए पानी के सामने, गहरे पानी में, जंगली जानवरों के साथ रिस्की सेल्फी लेते हैं। ये कई बार जान पर भारी भी पड़ जाता है। लेकिन, लोग फिर भी इससे अनजान बने हैं। ये सब वह ज्यादा से ज्यादा लाइक्स के लिए करता है। ऐसे में इस बिहेवियर को लाइक करना बंद कर देना चाहिए। इसी तरह इस पर लगाम लगाई जा सकती है।

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ऐसी सेल्फी हो सकती है जानलेवा
जानवरों के साथ सेल्फी न लें। खास तौर पर वन्य प्राणियों के साथ फिर चाहे वह अभयारण्य में हों, चिडिय़ाघर में या सड़क पर ही क्यों न हों। सेल्फी लेते वक्त कैमरे की लाइट या आवाज से जानवर आक्रामक हो सकते हैं।
ट्रेन के दरवाजे या ट्रेन की पटरी पर सेल्फी लेने का शौक बहुत लोगों को होता है। इस शौक से बचें क्योंकि ट्रेन की तेज गति और उसकी आवाज से कई बार संतुलन बिगड़ जाता है और हादसे हो जाते हैं।
बस या कार की खिड़की में गर्दन निकालकर सेल्फी ना लें।
टनल्स और हाइवे पर सेल्फी लेना दुर्घटना को न्यौता देने के समान है। वहां तेज गति से आ रही गाड़ी से तो दुर्घटना हो ही सकती है साथ ही सुनसान रास्ते पर सेल्फी लेने के चक्कर में आप लुटेरों के हाथ भी लग सकते हैं। नदी, समंदर, झीलें और तालाबों में अंदर उतरकर या ऐसी खतरनाक जगहों पर सेल्फी लेने से बचना चाहिए। गाड़ी चलाते वक्ततो बिल्कुल भी सेल्फी न लें। इससे न केवल आपकी बल्कि दूसरों की जान भी जा सकती है।

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