2018- 12853 2019-12293
—– वर्ष 2018
माह – उड़ाने- यात्रियों की संख्या जनवरी-1090-121228
फरवरी 1100-119870 मार्च-1085-116056
अप्रेल 962-105468 मई -1054-97430
जून -926-93576 जुलाई – 748-98879
अगस्त -837-100674 सितम्बर 892-102320
अक्टूबर-978-107363 नवम्बर 1321-134103
दिसम्बर -1860-159031
13 लाख 55 हजार 998 यात्री – 2018 —-
वर्ष 2019 माह- उड़ाने- यात्रियों की संख्या
जनवरी-1304-154347 फरवरी-1197-135641
मार्च- 1199-1,17,002 अप्रेल- 808- 89293
मई- 893-95802 जून- 859-98038
जुलाई- 758-93204 अगस्त- 938- 94540
सितम्बर -968-85665
नवम्बर- 1168- 130688 दिसम्बर- 1184 उड़ानें-1,33461
—— 13 लाख 24 हजार 200- 2019
—— यहां फिर बड़ा सवाल
लोकसभा में पारित भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण, संशोधन विधेयक ने उदयपुर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट डबोक के देश का प्रमुख एयरपोर्ट बनने पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। संशोधन से पहले तक भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण ऐरा के मुताबिक एक साल में 15 लाख से ज्यादा यात्री भार वाले एयरपोर्ट को देश के प्रमुख एयरपोर्ट में शामिल किया जाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 35 लाख सालाना कर दिया गया है। इससे कम यात्री भार वाले सभी एयरपोर्ट पर अब सरकार सभी शुल्क निर्धारित करेगी। इससे पहले 15 लाख से ज्यादा यात्री वाले एयरपोर्ट पर ऐरा शुल्क तय करता था। महाराणा प्रताप एयरपोर्ट के जरिए साल 2018 में 12 लाख 46 हजार 998 यात्रियों ने सफ र किया था। हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने और एयरपोर्ट पर इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के साथ देश के प्रमुख एयरपोर्ट में शामिल होने के लिए खासी मशक्कत भी कर ली, लेकिन ऐरा में संशोधन से अब प्रमुख एयरपोर्ट में हमें इस दौड़ से फिर दूर कर दिया है।
मैं पूरे नियमों को जल्द देखता हूं। इसमें आगे क्या किया जा सकता है इस पर काम कर प्रयास करते हैं कि ज्यादा बेहतर परिणाम ला सके। सीपी जोशी, सांसद, चित्तौडगढ़़