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हवाई यात्रियों की कमी काट गई सीधी विदेशी उड़ान के पर

locationउदयपुरPublished: Jan 20, 2020 12:44:39 pm

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bhuvanesh pandya

– कैसे बनेगा हमारा एयरपोर्ट अन्तरराष्ट्रीय, इस बार भी नहीं हुए 15 लाख यात्री- 560 कम उड़ी उड़ानें तो 31798 हवाई यात्री घटे
– महाराणा प्रताप एयरपोर्ट

हवाई यात्रियों की कमी काट गई सीधी विदेशी उड़ान के पर

हवाई यात्रियों की कमी काट गई सीधी विदेशी उड़ान के पर

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. महाराणा प्रताप एयरपोर्ट बीते वर्ष यानी 2019 में भी साल भर में 15 लाख यात्रियों का सपना पूरा नहीं कर पाया। ऐसे में एक बार फिर हमारे एयरपोर्ट को अन्तरराष्ट्रीय तमगा मिलने पर कई सवाल खड़े हो गए है। 2018 के मुकाबले 2019 के पूरे साल में 31798 यात्री कम उड़े तो 560 उड़ानों की संख्या भी कम हुई। वर्ष 2018 में कुल 12853 उड़ानें उड़ी थी तो 2019 में 12293 उड़ाने यहां से रवाना हुई। इसी प्रकार 2018 में 13 लाख 55 हजार 998 यात्रियों ने लेकसिटी से यात्रा की तो 2019 में 13 लाख 24 हजार 200 यात्रियों ने उड़ान भरी।
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उड़ानों की संख्या
2018- 12853

2019-12293
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वर्ष 2018
माह – उड़ाने- यात्रियों की संख्या

जनवरी-1090-121228
फरवरी 1100-119870

मार्च-1085-116056
अप्रेल 962-105468

मई -1054-97430
जून -926-93576

जुलाई – 748-98879
अगस्त -837-100674

सितम्बर 892-102320
अक्टूबर-978-107363

नवम्बर 1321-134103
दिसम्बर -1860-159031
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13 लाख 55 हजार 998 यात्री – 2018

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वर्ष 2019

माह- उड़ाने- यात्रियों की संख्या
जनवरी-1304-154347

फरवरी-1197-135641
मार्च- 1199-1,17,002

अप्रेल- 808- 89293
मई- 893-95802

जून- 859-98038
जुलाई- 758-93204

अगस्त- 938- 94540
सितम्बर -968-85665
अक्टूबर- 1017-96519
नवम्बर- 1168- 130688

दिसम्बर- 1184 उड़ानें-1,33461
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13 लाख 24 हजार 200- 2019
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यहां फिर बड़ा सवाल
लोकसभा में पारित भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण, संशोधन विधेयक ने उदयपुर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट डबोक के देश का प्रमुख एयरपोर्ट बनने पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। संशोधन से पहले तक भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण ऐरा के मुताबिक एक साल में 15 लाख से ज्यादा यात्री भार वाले एयरपोर्ट को देश के प्रमुख एयरपोर्ट में शामिल किया जाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 35 लाख सालाना कर दिया गया है। इससे कम यात्री भार वाले सभी एयरपोर्ट पर अब सरकार सभी शुल्क निर्धारित करेगी। इससे पहले 15 लाख से ज्यादा यात्री वाले एयरपोर्ट पर ऐरा शुल्क तय करता था। महाराणा प्रताप एयरपोर्ट के जरिए साल 2018 में 12 लाख 46 हजार 998 यात्रियों ने सफ र किया था। हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने और एयरपोर्ट पर इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के साथ देश के प्रमुख एयरपोर्ट में शामिल होने के लिए खासी मशक्कत भी कर ली, लेकिन ऐरा में संशोधन से अब प्रमुख एयरपोर्ट में हमें इस दौड़ से फिर दूर कर दिया है।
मैं जल्द पूरे मामले को देखता हूं
मैं पूरे नियमों को जल्द देखता हूं। इसमें आगे क्या किया जा सकता है इस पर काम कर प्रयास करते हैं कि ज्यादा बेहतर परिणाम ला सके।

सीपी जोशी, सांसद, चित्तौडगढ़़
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