scriptनामांकन तो बढ़ गया, लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं | shortage of teachers in government school | Patrika News
उदयपुर

नामांकन तो बढ़ गया, लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं

माध्यमिक स्कूलों में पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं में तो चार वर्ष से शिक्षकों के पद निर्धारण तक नहीं हुआ है। मौजूदा सत्र में स्कूलों में बढ़ी बच्चों की संख्या से शिक्षकों की कमी सामने आने वाली है।

उदयपुरJul 25, 2019 / 03:05 pm

madhulika singh

Only the responsible ones played the big game

Only the responsible ones played the big game

चंदनसिंह देवड़ा/उदयपुर . सरकारी विद्यालयों में प्रवेशोत्सव के बाद नामांकन में तो इजाफा हो गया। हालांकि प्रारंभिक शिक्षा में गत सत्र में 9 मई के नामांकन को आधार मानकर समानीकरण कर दिया गया था, लेकिन इन स्कूलों में अधिकतर बच्चों के प्रवेश जुलाई में हुए थे। इधर, माध्यमिक स्कूलों में पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं में तो चार वर्ष से शिक्षकों के पद निर्धारण तक नहीं हुआ है। मौजूदा सत्र में स्कूलों में बढ़ी बच्चों की संख्या से शिक्षकों की कमी सामने आने वाली है।
यह है आरटीई नियम
अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत प्रारंभिक शिक्षा में 60 बच्चों पर 2 शिक्षक होने चाहिए। आंकड़ा 61 पार जाते ही 3 एवं 91 पर 4, 121 पर 5 शिक्षकों का प्रावधान है। 151 बच्चों का नामांकन होने पर एक प्रधान शिक्षक समेत 6 पद होने चाहिए। अधिकतर स्कूलों में इस बार खूब प्रवेश हुए हैं। ऐसे में शिक्षकों के पद निर्धारण के साथ समानीकरण करने की जरूरत है।
रामावि मानपुर (कुराबड़) 112 03
राउमावि सिंघटवाड़ा (सराड़ा) 100 00
राउमावि बलीचा(गिर्वा) 300 06
रामावि पोपल्टी 176 05
प्रावि धामधर (गिर्वा) 62 01
उप्रावि धामधर 105 01

बच्चों के हिसाब से पदों का निर्धारण आवश्यक है। उच्चाधिकारियों को इस संदर्भ में बताएंगे ताकि शिक्षण कार्य की गुणवत्ता बेहतर हो सके।
भरत मेहता, संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा उदयपुर
शिक्षक संघ ने भी उठाई आवाज
इधर, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेरसिंह चौहान व जिलाध्यक्ष नवीन व्यास के नेतृत्व में शिक्षकों ने संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा भरत मेहता को ज्ञापन सौंपा। प्रमुख शासन शिक्षा सचिव से इस संदर्भ में मांग की गई है कि प्रवेशोत्सव के तहत 31 जुलाई तक विद्यालयों मे नामंाकन के अनुसार शिक्षकों के लेवल 1 के पदों का निर्धारण कर समानीकरण किया जाए। प्रतिनिधि मण्डल में भैरूलाल कलाल, इन्द्रसिंह, सुरेश पटेल आदि शामिल थे।

Home / Udaipur / नामांकन तो बढ़ गया, लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो