सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील के पूछने पर सोनी ने कहा कि वह दो-तीन सीबीआई अधिकारियों और 2 गवाहों के साथ कौसर बी से संबंधित 3 से 4 स्पॉट पर जांच के लिए गया था, लेकिन वहां पर कोई पॉजिटिव साइंटिफिक एविडेंस जैसे हड्डी, चमड़ी, बाल, खून, कपड़ा या अन्य साक्ष्य नहीं मिले थे। सोनी ने कोर्ट को बताया कि अनुसंधान में मुझे जो टास्क दिए थे, उसकी और गवाहों के बयानों का रिकार्ड और केस डायरी मुख्य अनुसंधान अधिकारी अमिताभ ठाकुर को दी थी। मैंने जितनी भी केस डायरी दी थी, वे सभी अलग-अलग पेपर शीट पर बनाकर अलग-अलग दी थी।
READ MORE :video : उदयपुर एसीबी ने महिला सरपंच और पूर्व सरपंच को 1 लाख की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार, इस तरह आए पकड़ में पंचनामा नहीं हुआ एग्जीबिट सीआईडी गुजरात ने 2007 में अपने अनुसंधान में वीए राठौड़ को कौसरबी केस में अहम गवाह बनाया था, लेकिन डीजी बंजारा की ओर से हाइकोर्ट में याचिका लगाने पर गुजरात हाइकोर्ट ने वीए राठौड़ को मुल्जिम बनाने के आदेश दिए थे। इस पर सीआईडी ने राठौड़ को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था। इसी दौरान अनुसंधान सीबीआई का ट्रांसफर होने पर अनुसंधान अधिकारी एनआर सोनी ने वीए राठौड का पीसी रिमांड लेकर इसकी निशानदेही से उस जगह का पंचनामा बनाया था, जहां सीबीआई चार्जशीट के अनुसार कौसर बी को जलाया गया था। चूंकि इस पंचनामा बनाते समय राठौड़ रिमांड पर था और इस पंचनामा से संबंधित पंचों के बयान न्यायालय में नहीं हुए है। ऐसे में शुक्रवार को कोर्ट में पंचनामा एग्जीबिट नहीं हुआ। गौरतलब है कि कौसर बी की हत्या से संबंधित लगभग सभी आरोपी बरी हो चुके हैं।