पुलिस ने कहा था मामला दर्ज कर लिया
पुरुषोत्तम ने बताया कि वे जब मामला लेकर 14 मई को पुलिस के पास पहुंचे तो पुलिस ने मामला दर्ज करने की बात कहते हुए घर लौटा दिया था। बाद में एएफआई की रसीद लेने पहुंचने पर पता चला कि मामला दर्ज ही नहीं किया है। दोनों बेटों ने उनसे मिलने पहुंची बेटी और दामाद से भी मारपीट की। इस पर दामाद ने पुलिस चौकी चावण्ड फोन किया, वहां से आए एएसआई ने बेटी और दामाद को ही धमकाया था।
नहीं मिलने देते बेटियों से
पुरुषोत्तम के अनुसार दोनों बेटे उनकी बेटियों को मिलने आने से रोकते है। दोनों बेटे सरकारी नौकरी में हैं, लेकिन उन्हें भरपेट खाना तक नसीब नहीं होता।
फिर पहुंचे एसपी के पास
पुरुषोत्तम 21 मई को एसपी के पास पहुंचे तो उनके निर्देश पर सराड़ा थाने में बुधवार को मामला दर्ज किया गया। ज्ञानसिंह को मामले में जांच अधिकारी बनाया गया है।
हाल ही जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक ने ‘मां की सौगन्ध’ पॉकेट कार्ड का विमोचन किया गया था जिसमें युवाओं की माताओं से अपील की गई है कि वे अपनी संतानों को बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने नहीं दें।