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उदयपुर

सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रयासों को मिले गति

विरासत संबंधित प्रदर्शनी का समापन

उदयपुरNov 12, 2019 / 02:31 am

Pankaj

सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रयासों को मिले गति

सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रयासों को मिले गति

उदयपुर . केन्द्र कला दीर्घा में भारतीय सांस्कृतिक निधि इन्टैक तथा सूचना केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विरासत संबंधित चित्र प्रदर्शनी का समापन सोमवार को हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय सांस्कृतिक निधि के प्राकृतिक संसाधन प्रभाग के प्रमुख सलाहकार एवं सेवानिवृत मुख्य वन संरक्षक एसके वर्मा, विज्ञान समिति सदस्य एवं सेवानिवृत आईएएस मुनिश गोयल एवं महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत जनसंपर्क अधिकारी एचएल हीरावत थे। अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए इसमें प्रदर्शित विषय वस्तु की सराहना की तथा अंचल की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर हो रहे प्रयासों को गति देने का आह्वान किया।
भारतीय सांस्कृतिक निधि इन्टैक के उदयपुर चेप्टर के संयोजक डॉ. बीपी भटनागर ने बताया कि सात दिवसीय इस चित्र प्रदर्शनी में प्रदर्शित इंटेक की 35 वर्षों की जीवन यात्रा व वागड़ अंचल में दसवीं शताब्दी के पुरातात्विक महत्ता के स्थान अरथूना की सांस्कृतिक विरासत पर प्रो. महेश शर्मा के चित्रों को आगंतुकों ने बेहद पसंद किया और इंटैक के माध्यम से इसी प्रकार के आयोजनों को भविष्य में भी करने का सुझाव दिया है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी के अंतिम दिन भी बड़ी संख्या में कला एवं संस्कृति प्रेमियों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इसकी सराहना की। इस मौके पर जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा, सहायक लेखाधिकारी दिनकर खमेसरा, विनय दवे, सुनील व्यास, राजसिंह सदाणा और बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
सूचीबद्ध हो चुकी अंचल की विरासत, संरक्षण के प्रयास जारी -वर्मा
प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए रिटायर्ड आईएफएस व इंटैक के प्रमुख सलाहकार एसके वर्मा ने अंचल की कला, संस्कृति के साथ प्राकृतिक संपदा के संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों की जानकारी दी और बताया कि इंटैक द्वारा बहुत पहले ही उदयपुर और आसपास के जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर इत्यादि की विरासत को सूचीबद्ध किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस विरासत के संरक्षण के लिए संभाग के इन जिलों में भी इंटैक के चेप्टर्स की शुरूआत की जा रही है और बहुत जल्द इनके संरक्षण की कार्य योजना भी तैयार की जाएगी। इस दौरान रिटायर्ड आईएएस मुनिश गोयल ने उदयपुर अंचल में इंटैक द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए अरथूना की सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए इसे देश-दुनिया तक पहुंचाने की आवश्यकता जताई।

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