निस्वार्थ सेवा में समर्पित होना ही साधना
राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने आशा धाम में आयोजित कार्यक्रम में कहा
उदयपुर•Nov 19, 2019 / 01:49 am•
Pankaj
निस्वार्थ सेवा में समर्पित होना ही साधना
उदयपुर . राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने कहा कि किसी जीवात्मा की अनदेखी करके परमात्मा की भक्ति करना मुर्दे को शृंगार कराने के समान है। जीव की सेवा ही चारों धाम की यात्रा से बढ़कर है। कमल मुनि आशा धाम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुपोषण के शिकार, अभावग्रस्त, दीनहीन की निस्वार्थ भाव से सेवा में समर्पित होना ही साधना का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। आध्यात्मिकता की दुहाई देने वाले देश में कदम-कदम पर मंदिर-मस्जिद और संत हैं। उनके सामने अन्न के अभाव में अकाल मौत के शिकार होना आत्महत्या को मजबूर होना कलंक और मुंह पर तमाचा है। आशा धाम पहुंचने पर स्वागत किया गया। अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच की ओर से संजय जैन, प्रमोद कोठारी मौजूद थे। राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने आशा धाम में आयोजित गतिविधियों की जानकारी ली। जरुरतमंदों की सेवा के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। अशाधाम परिवार की ओर से स्वगात किया गया।
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