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उदयपुर

कॉपी मूल्यांकन में सख्त आदेश-तदर्थ व कॉन्ट्रेक्ट शिक्षक नहीं जांचेंगे कॉपियां

एडहॉक यानी तदर्थ व कॉन्ट्रेक्ट शिक्षक को नहीं लगाया जा सकेगा

उदयपुरJan 27, 2020 / 12:06 pm

bhuvanesh pandya

कॉपी मूल्यांकन में सख्त आदेश-तदर्थ व कॉन्ट्रेक्ट शिक्षक नहीं जांचेंगे कॉपियां

कॉपी मूल्यांकन में सख्त आदेश-तदर्थ व कॉन्ट्रेक्ट शिक्षक नहीं जांचेंगे कॉपियां

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कॉपी मूल्यांकन में एडहॉक यानी तदर्थ व कॉन्ट्रेक्ट शिक्षक को नहीं लगाया जा सकेगा। अगर किसी स्कूल ने 10वीं और 12वीं के कॉपी मूल्यांकन में एडहॉक शिक्षकों का नाम बोर्ड को भेजा तो उन्हें जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इसके लिए बोर्ड ने सभी स्कूलों को सूचना भेज दी है। 10वीं और 12वीं बोर्ड की कॉपी केवल नियमित शिक्षक ही जांचेंगे। बोर्ड ने स्कूलों से नियमित शिक्षकों की सूची भेजने के निर्देश दिए है। बोर्ड की मानें तो एफिलिएशन बायलॉज के नियम संख्या 14.4 के तहत सख्त प्रावधान है कि कॉपी जांच सिर्फ नियमित शिक्षक ही करेंगे। यह नियम इस बार सख्ती से लागू हो रहा है।
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कॉपी मूल्यांकन की पूरी जिम्मेदारी स्कूलों कीज्यादातर स्कूल 10वीं और 12वीं कॉपी के मूल्यांकन को बहुत ही हल्के में लेते हैं। स्कूल तदर्थ या कॉन्ट्रेक्ट बेस पर लिए गए शिक्षकों से कॉपियों की जांच करवाते हैं। इसका असर छात्रों पर सीधा पड़ता है। अंक में उलटफेर हो जाता है। इस कारण इस बार कॉपी मूल्यांकन की पूरी जिम्मेदारी स्कूलों पर होगी। बोर्ड परीक्षा 15 फ रवरी से 30 मार्च तक होगी।
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सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा की कॉपी जांच के लिए प्रत्येक स्कूल को पीपीटी भेजा है। इस पीपीटी का नाम स्कीम ऑफ स्पॉट इवेल्यूएशन एनुअल एक्जाम 2020 रखा गया है। इसके तीन बिन्दु रखे गए हैं, इसमें कन्टीग्नेंट फॉर द स्पॉट इवेल्यूशन 2020, प्रोसेस ऑफ मॉक इवेल्यूएशन और प्रोसेस ऑफ स्पॉट इवेल्यूएशन नाम दिया गया है।
– नोडल इवेल्यूएशन सेन्टर (एनइसी) ये सीबीएसई एफिलेटेड स्कूलों ने मुख्य परीक्षक यानी हेड एक्जामिनर नियुक्त किए हैं। एनइसी को चीफ नोडल सुपरवाइजर, जो प्राचार्य होगा वह बतौर पर्यवेक्षक देखेगा। इसके नीचे अतिरिक्त व अन्य परीक्षक कार्य करेंगे।
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इसलिए जरूरी हैपरीक्षकों को बोर्ड नियुक्त कर रहा है। कुछ प्राइवेट स्कूल कॉन्ट्रेक्ट शिक्षकों का नाम भेज देते हैं, जबकि नियमानुसार ये कार्य केवल नियमित शिक्षक से ही करवाया जा सकता है। बोर्ड के अनुसार सभी प्राइवेट जितनी पोस्ट है, उतने रेगुलर शिक्षक लगाने जरूरी है। कई स्कूल केवल पैसा बचाने के लिए कॉन्ट्रेक्ट पर शिक्षक ले लेते हंै।
प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने के लिए बोर्ड यह कदम उठा रहा है। बकायदा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

ओपी यादव, प्राचार्य, के न्द्रीय विद्यालय (नम्बर दो) उदयपुर

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