बालवाहिनियों के चालक की लापरवाही से कुछ हादसे भी हुए। इनमें हिरणमगरी व मल्लातलाई क्षेत्र में दो मासूमों की जान गई। बच्चों को उतारने के बाद चालक ने जल्दबाजी में वाहन को आगे बढ़ा दिया जिससे बच्चे अगले व पिछले टायर से कुचल गए।
शहर में कुछ स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब बने हुए हैं, वहां सुधार आया है। क्लब में 15 से 20 बच्चों को सदस्य नियुक्त किया हुआ है। इनके सुपरविजन के लिए एक शिक्षक लगा रखा है। इन रोड सेफ्टी क्लबों की स्कूल के अलावा पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से भी निगरानी की जा रही है।
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इन कामों का होना जरुरी
< विद्यार्थियों की साइकिलों में रिफ्लेक्टर लगवाए जाएं ।
< अभिभावकों से संकल्प पत्र भरवाया जाए कि वे कम उम्र में बच्चों को वाहन नहीं देंगे।
< विद्यालय में हेलमेट अनिवार्य करने के लिए नियम तोडऩे वालों के चालान भी बनाए जाए।
< रोड सेफ्टी क्लब को निरंतर करने होंगे ये काम
< बस चालकों को सीट बेल्ट पहनने के लिए प्रेरित करना
< बाल वाहिनी के नियमों की चैकिंग करना
< शिक्षकों को भी हेलमेट व सीट बेल्ट पहनने के लिए प्रेरित करना
< जो अभिभावक बच्चों को वाहन देते हैं उन्हें विनती करना
< वाहनों व साइकिलों की पार्किंग को व्यवस्थित करना
< बस में चढ़ते उतरते समय अनुशासन रखना।
< बालवाहिनी चालकों के व्यवहार के बारे में बच्चों व अभिभावकों से पूछना
जिले में कुल निजी स्कूल – 1300
शहर में निंजी स्कूल – 200
शहर में निजी स्कूल में संचालित बालवाहिनी- करीब 415
गांव में निजी स्कूल में संचालिक बालवाहिनी – करीब 5
सरकारी स्कूल में बालवाहिनी सिर्फ एक, नगर निगम के सहयोग से