कम उम्र में किया कमाल
कराटे गर्ल लता मात्र 20 वर्ष की आयु में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं और बेटी को कराटे सिखाओं’ के संदेश को लेकर सभी क्षेत्रीय बालिकाओं को प्रेरित कर रही है। वह खुद भी मार्शल आर्ट व ग्रेपलिंग में अभ्यास कर रही है। वह झाड़ोल में कराटे कोच सेंसेई तुषार मेहता से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। लता का कहना है कि उसे प्रोत्साहित करने में उसके माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिसकी वजह से यह उपलब्धि उसने हासिल की।
माता-पिता ने दिया पूरा साथ
कराटे गर्ल लता का कहना है कि गांव में अन्य बालिकाओं को कराटे सीखने व शिक्षा के प्रति जागरूक करने में उसके पिता सुरेश पंडिया, माता सुमित्रा पंडिया व छोटा भाई दिग्विजिय ने पूरा सहयोग किया। सभी उसकी मदद करते हुए गांव-गांव में बालिकाओं को प्रेरित कर कराटे से जोड़ते है और आत्मरक्षा के क्षेत्र में बालिकाओं को सशक्त करते है। माता-पिता कृषि का कार्य करते है। लता शिक्षा के क्षेत्र में भी स्वयं स्नातक तृतीय वर्ष की छात्रा है।