उदयपुर के 85वां नंबर रहने की खबर मिलते ही पूरे निगम में अवकाश के बावजूद खुशी मनाई जा रही है। अफसर व जनप्रतिनिधि एक-दूसरे को फोन पर बधाई दे रहे है। महापौर चन्द्रसिंह कोठारी के पास भी पार्षदों के बधाई के फोन गए तो आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग (आईएएस) जो अभी मसूरी ट्रेनिंग में गए हुए हैंं उनको भी बधाइयों के फोन गए। अतिरिक्त मुख्य अभियंता अरुण व्यास, स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष ओम प्रकाश चित्तौड़ा, नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा के अधिकारी नरेन्द्र श्रीमाली और स्वच्छता एप की कमान संभालने वाले एईएन गौरव धींग सहित इस कार्य में लगा स्टाफ व पार्षद खुशी मना रहे है कि उदयपुर का स्थान बेहतर रहा।
ऐसी थी ये बड़ी परीक्षा
स्वच्छ स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में स्वच्छता ऐप के 400 अंक निर्धारित किये गये है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत जो सर्वेक्षण पद्धति निर्धारित की गयी है उसमें कुल अंकों में से म्यूनिसिपल डॉक्यूमेंटेशन के लिए 35 प्रतिशत, प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत एवं नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत अंक दिये जायेंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के लिए म्यूनिसिपल डॉक्यूमेंटेशन के लिए कुल 1400 अंको का बटवाया किया गया। इनमें ठोस कचरे का परिवहन एवं एकत्रिकरण के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), ठोस कचरे का प्रसंस्करण एवं निपटान के लिए 25 प्रतिशत (350 अंक), स्वच्छता एवं खुले में शौच मुक्त 30 प्रतिशत (420 अंक), सूचना-शिक्षा एवं संचार व्यवहार में बदलाव के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक), क्षमता सवंद्र्धन के लिए 5 प्रतिशत (70) एवं नवाचार एवं सर्वोत्तम प्रक्रिया के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक) निर्धारित किए गए थे। सर्वेक्षण के तहत प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए जो सर्वेक्षण पद्धति निर्धारित की गयी है उसमें 1200 अंकों में प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (360 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक) निर्धारित किये गये थे, इसी प्रकार नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 1400 अंकों में प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक) निर्धारित किये गए थे।
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इस दौर में हुआ था सर्वेक्षण
देश भर में 4 जनवरी से 10 मार्च तक चले विश्व के सबसे बड़े सर्वेक्षण में 4203 शहरों के बीच सबसे स्वच्छ शहर बनने की प्रतिस्पर्धा चली। देश में 94000 घरों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की जांच हुई, 46000 आवासियों क्षेत्र पर ओचक निरीक्षण किया गया, 28000 व्यवसायिक क्षेत्रों का निरीक्षण हुआ। 25000 स्कूलों में स्वच्छता समीती की जांच की गई तथा 25000 प्रोसेसिंग प्लांट का निरीक्षण किया गया। सर्वेक्षण 37.66 लाख लोगों की राय ली गई और 53.58 लाख स्वच्छता ऐप डाउनलोड की तो जनता ने 1.18 करोड शिकायतें दर्ज कराई।