प्रयोगशाला से प्राप्त जांच रिपोर्ट में वित्तीय सलाहकार टी.आर. अग्रवाल के स्वाइन फ्लू होना सामने आया। इसके बाद मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञों ने उनका उपचार शुरू किया। वार्ड में भर्ती होने की बजाय उनका उपचार उनके निजी आवास के बंद कमरे में जारी है। रोग को लेकर चिकित्सा विभाग के कार्मिकों ने अग्रवाल के परिजनों को भी टेमीफ्लू की दवाइयां दी।
READ ALSO: मांगों को लेकर सफाईकर्मियों ने प्राचार्य का वाहन रोका उदयपुर. महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय में ठेका प्रणाली में सेवारत सफाई कार्मिकों ने बकाया मानदेय को लेकर मंगलवार को आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य का वाहन रोक लिया। बाद में प्राचार्य की समझाइश पर रास्ता भी दे दिया, लेकिन व्यवस्था खामी को लेकर सफाई कार्मिकों का आक्रोश कम नहीं हुआ। सफाई कार्मिकों से सेवाएं ले रही ठेका एजेंसी को बीते महीने के दौरान चिकित्सालय प्रशासन ने तकनीकी एवं खामी के चलते ब्लेक लिस्टेड कर दिया था। इसके बाद ठेका एजेंसी की ओर से जनवरी और फरवरी माह का बिल पेश नहीं किया गया। इससे दो माह तक सेवाएं देने वाले सफाई कार्मिकों का मानदेय अब तक नहीं दिया जा सका है। इस संबंध में चिकित्सालय अधीक्षक की ओर से उचित कार्रवाई का आश्वासन पूर्व में कार्मिकों को दिया जा चुका है।
यह रहा घटनाक्रम
सफाई कार्य पूरा कर दोपहर करीब 12 बजे सफाई कार्मिक चिकित्सालय के मुख्य पोर्च में एकत्र हुए। बकाया मानदेय को लेकर चर्चा के बीच कक्ष से मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. डीपी सिंह जैसे ही बाहर निकले नाराज कार्मिक वाहन के सामने आ गए। भारतीय मजदूर संघ के कुछ पदाधिकारियों के नेतृत्व में संविदा कार्मिकों ने मानदेय की मांग की।