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उदयपुर

जमीं पर फैल गया शहर, कागजों में 55 साल से नहीं बढ़ा

शोभागपुरा, भुवाणा, सवीना सहित कई पंचायतों में दिख रहा शहरीकरण का चेहरा, लेकिन पार्षदों की जगह चुने जा रहे पंच, सरपंच

उदयपुरMay 19, 2024 / 09:22 pm

Rudresh Sharma

उदयपुर शोभागपुर में बना कॉम्‍पलेक्‍स

उदयपुर के शोभागपुर में बना कॉम्‍पलेक्‍स

जहां मल्टी स्टोरीज खड़ी हो चुकी, होटल-रेस्टोरेंट खुल गए, मल्टीप्लेक्स चल रहे हैं। कागजों में वह इलाका अब भी गांव ही कहला रहा है। उदयपुर शहर का हिस्सा हो चुके शोभागपुरा, भुवाणा, सुखेर, सवीना सहित करीब तीन दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां शहरीकरण के बावजूद रेकॉर्ड में ये गांव ही दर्ज हैं। यह िस्थति आज से नहीं बल्की पिछले करीब दस-पंद्रह सालों से है। लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में राजस्व रेकॉर्ड में शहरी सीमा का विस्तार नहीं हो पाया है।

नगर निगम की ओर से वर्ष 2012 में राज्य सरकार को भेजे गए शहरी सीमा विस्तार के प्रस्ताव पिछले 12 साल से सरकारी दफ्तरों में इधर से उधर तफरीह कर रहे हैं। लेकिन इन्हें आज तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। सरकार ने इस पर जल्द फैसला नहीं किया तो इसी साल नवंबर में प्रस्तावित नगर निगम के आगामी चुनाव भी मौजूदा परिदृष्य में ही होंगे और अगले पांच साल के लिए फिर ये इलाके गांव ही कहलाएंगे। उदयपुर नगर निगम की सीमा का विस्तार अंतिम बार 1969 में हुआ था। तब गोवर्धन विलास व प्रताप नगर सहित कुछ हिस्से शहर में शामिल किए गए थे। यानी 55 वर्ष से उदयपुर शहर की सीमा का विस्तार नहीं हुआ है।

वार्ड बढ़े, लेकिन सीमा नहीं बढ़ी

पिछले नगर निगम चुनाव के समय उदयपुर नगर निगम के वार्डाें का परिसीमन किया गया था। पहले निगम में 50 वार्ड थे। जो बढ़कर 70 हो गए। लेकिन इस परिसीमन में शहर की सीमा का विस्तार नहीं हुआ। सिर्फ वार्डाें की संख्या में बढ़ोतरी हुई।

इन राजस्व गांवों को निगम में शामिल करने के प्रस्ताव

1. बड़गांव

2. हवाला खुर्द

3. हवाला कला

4. सीसारमा

5. देवाली (गोवर्धन विलास)

6. बलीचा

7. सवीना खेड़ा
8. जागी तालाब

9. नेला

10. तितरड़ी

11. धोल की वाड़ी

12. गुश्वर मगरी

13. बिलियां

14. फांदा

15. मनवा खेड़ा

16. एकलिंगपुरा

17. कलड़वास
18 . कानपुर

19. बेड़वास

20. देबारी

21. झरनों की सराय

22. धोली मगरी

23. रकमपुरा

24. रेबारियों का गुढ़ा

25. रघुनाथपुरा

26. रूपनगर

27. आयड़ ग्रामीण
28. शोभागपुरा

29. देवाली (फतहपुरा)

30. भुवाणा

31. सुखेर

32. सापेटिया

33. बेदला खुर्द

34. बेदला

यह सही बात है कि निगम की सीमा विस्तार होना चाहिए। इसके लिए पूर्व में प्रस्ताव भी भिजवाए गए थे। लेकिन कुछ हो नहीं सका। अब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही इस बारे में संगठन स्तर पर चर्चा करके नगर निगम से फिर प्रस्ताव भिजवाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री एवं स्वायत्त शासन मंत्री से मिलकर प्रस्तावों को मंजूर करने के प्रयास भी करेंगे। ताकि आगामी चुनाव से पहले इन्हें स्वीकृति मिल जाए।

रवींद्र श्रीमाली, शहर जिलाध्यक्ष, भाजपा

सौंदर्यीकरण, सफाई व्यवस्था सहित अन्य सुविधाओं के लिहाज शहर की सीमा में आ चुके गांवों को नगर निगम में शामिल किया जाना चाहिए। वैसे भी यूडीए में अब 130 गांव शामिल हो चुके, ऐसे में व्यवस्थाओं की दृष्टि से यह आवश्यक है, जो गांव पूरी तरह शहर के दायरे में आ गए, उन्हें निगम को सौंपा जाए। हालांकि मेरे कलक्टर रहते हुए यह मामला कभी संज्ञान में नहीं आया।

– ताराचंद मीणा, कांग्रेस नेता व पूर्व जिला कलक्टर, उदयपुर

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