—– भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना: भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत वर्तमान में कुल 1401 बीमारियों के इलाज के पैकेज सम्मिलित है जिनमें सामान्य बीमारियों हेतु 738 एवं चिन्हित गंभीर बीमारियों हेतु 663 पैकेज रखे गये हैं। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ भामाशाह कार्ड की संख्या से राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत लाभार्थी पाए जाने वाले परिवारों को योजना से सम्बद्ध निजी एवं राजकीय चिकित्सालयों में नि:शुल्क दिया जाता हैं। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रथम चरण के शुरुआत 13. दिसम्बर 15 से की गई जो दिनांक 12 दिसम्बर 17 तक चली। इसमें सरकारी व निजी अस्पतालों में योजना के अन्तर्गत निर्धारित पैकेजों के तहत मरीजों का उपचार कर क्लेम उठाया। योजना के द्वितीय चरण की शुरुआत 13 दिसम्बर 17 से 11 जुलाई 2019 तक सरकारी व निजी अस्पतालों में योजना चलाई गई। इस योजना में लाभार्थी मरीजों को राशि के भुगतान का प्रावधान नहीं है।
—- यूं हुआ खर्च 2015-2017 तक की स्थिति – सरकारी हॉस्पिटलों में पहुंचे मरीजों पर खर्च: 355.43 करोड़ – वर्ष 2015 से 2017 वर्ष 2015 से 2017 के बीच सरकारी चिकित्सालयों में 1857 प्रकार के अलग-अलग पैकेजों पर 10 लाख 36 हजार 707 मरीजों पर 10 लाख 68 हजार 212 बीमा क्लेम सबमिट किए गए, जिस पर सरकार ने मरीजों पर 355.43 करोड़ रुपए खर्च किए। – प्राइवेट हॉस्पिटलों में पहुंचे मरीजों पर खर्च: 634.77 करोड़ – वर्ष 2015 से 2017 वर्ष 2015 से 17 के बीच प्राइवेट चिकित्सलयों में 2171 प्रकार के अलग-अलग पैकेजों पर 5 लाख 91 हजार 99 मरीजों के लिए 748406 बीमा क्लेम सबमिट होने पर कुल 634.77 करोड़ रुपए खर्च किए।
—-2017 से 2019 तक की स्थिति – इस अवधि में सरकारी चिकित्सालयों में 1223 पैकेजों पर 7 लाख 97 हजार 49 मरीजों के 1244 हजार 511 बीमा क्लेम सबमिट किए गए है, जिनमें 301.15 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। – इस अवधि में प्राइवेट चिकित्सालयों में 1286 अलग-अलग प्रकार के पैकेजों पर 1195 हजार 924 मरीजों के 21 लाख 90 हजार 89 बीमा क्लेम सबमिट किए गए, जिन पर 1598.24 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। —-गत दिनों उदयपुर यात्रा पर आए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने पत्रिका से बातचीत में ये स्वीकारा कि कई निजी चिकित्सालयों ने बीमा कंपनियों के साथ मिलकर गड़बडिय़ां की हैं।
—- वर्ष – खर्च सरकारी – खर्च प्राइवेट हॉस्पिटल – अन्तर 2015-17 – 355.43 करोड़ -634.77 करोड़ – 279.342017-19 – 301.15 करोड़- 1598.24 करोड़ – 1297.09 — इस योजना का लाभ तो मरीजों को काफी हुआ है, लेकिन यदि प्राइवेट हॉस्पिटलों में खर्च की बात है तो सरकारी स्तर पर फिलहाल हमारे पास कोई जांच के आदेश नहीं आए हैं।
जुल्फीकार अहमद काजी, संयुक्त निदेशक उदयपुर (चिकित्सा)