scriptइधर समाज इन्हें नोंचता रहा, उधर बेटियों ने नाप लिए धरती-आसमान | The society continued to think of them, on the other hand, the daught | Patrika News
उदयपुर

इधर समाज इन्हें नोंचता रहा, उधर बेटियों ने नाप लिए धरती-आसमान

– महिलाओं के उत्पीडऩ की कम नहीं हुई घटनाएं- दूसरी ओर बेटियों ने पाया ऊचा मुकाम

उदयपुरAug 14, 2019 / 11:36 pm

Bhuvnesh

दूसरी ओर बेटियों ने पाया ऊचा मुकाम

दूसरी ओर बेटियों ने पाया ऊचा मुकाम

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर . समाज में इन बेटियों के साथ ऐसे घिनौने कृत्य हुए जिसकी किसी जानवर से भी अपेक्षा नहीं की जाती। सैकड़ों बेटियों के साथ ऐसी घटनाएं हुई जिससे उनकी जिंदगी तबाही के कगार पर पहुंच गई, कहीं कई ने तो इस दंश से हार मानकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह कहानी उन तमाम बेटियों की है, जिनके साथ दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध हुए। दूसरी ओर, समाज में कई ऐसी बेटियों के उदाहरण हैं जिन्हें मौका मिला तो उन्होंने इस मानसिकता पर जोरदार तमाचा जड़ा और वे जमीन से लेकर आसमान तक नाप आई। आईए एक नजर डालें राजस्थान में युवतियों व महिलाओं पर हुए अत्याचार की ओर। दूसरी ओर ऐसी बेटियों के बारे में जानें जिन्होंने न केवल खुद के लिए सुरक्षा दीवार खड़ी की, बल्कि समाज की अन्य महिलाओं के लिए मिसाल बनते हुए पुरुषों से काफी आगे निकल गई।
—–

प्रदेश में 01 दिसम्‍बर 2018 से लेकर अब तक 18 जनवरी 2019 तक विभिन्‍न जिलों एवं थानों में नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्‍पीडन एवं बलात्‍कार के 224 प्रकरण दर्ज किए गए। उनमें 119 अभियुक्‍तों को गिरफ्तार कर चालान पेश किया गया।
—–
17.54 करोड़ प्रतिकर राशि का भुगतान

नाबालिग के साथ यौन उत्‍पीडन एवं बलात्‍कार प्रकरणों में पीडित प्रतिकर स्‍कीम 2011 के तहत सहायता राशि उपलब्‍ध करवाई जाती है।

वर्ष….पोक्‍सो प्रकरण…प्रतिकर राशि
2016 216 43457503
2017 276 52016000
2018 408 79952500

——

महिला उत्पीडऩ में कमी आई, पर लगाम बाकी
वर्ष 2008 से 2018 तक के मामलों की विवेचना के अनुसार वर्ष 2013 एवं 2014 में इन मामलों में जबर्दस्त बढ़ोतरी के बाद कुछ कमी जरूर आई है, लेकिन लगाम नहीं लग पाई है।
वर्ष….मामले
2008…15174

2009..18012
2010…18906

2011…20765
2012..21975

2013…29150
2014..32152

2015..29083
2016..28333

2017..25560
2018..27594

——

राज्य के इन जिलों में महिला कलक्टर
उदयपुर- आनन्दी

भरतपुर- आरुषि ए मलिक
धौलपुर- नेहा गिरी

बूंदी- रुक्मणि रियार
चित्तौडगढ़़- शिवांगी स्वर्णकार
—–

वर्दी में भी महिला अधिकारी
– नीना सिंह- एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस रेलवे मुख्यालय

– मालिनी अग्रवाल- इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस
– स्मिता सिंह- इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस

– बिनिता ठाकुर- आईजी उदयपुर
– डॉ किरण केंग-एसपी जैसलमेर
– ममता गुप्ता-एसपी बूंदी
– ममता राहुल- एसपी जोधपुर

– पूजा अवाना- एसपी प्रतापगढ़
– प्रीति चन्द्रा-एसपी जोधपुर पश्चिम

– श्वेता धनकड़- एसपी अजमेर

—-
राजस्थान की इन खिलाडिय़ों ने बढ़ाया देश-दुनिया में मान
– अपूर्वी सिंह चंदेला 4 जनवरी 1993 को उदयपुर में जन्मी एक भारतीय शूटर है। जो 10 मीटर एयर राइफ ल स्पर्धा में भाग लेती है। उन्होंने नई दिल्ली में 2019 में विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता। वह अब जयपुर में रहकर प्रशिक्षण ले रही है।
– मंजू बाला स्वामी चूरू में 1 जुलाई 1989 को जन्मी ट्रैक और फ ील्ड एथलीट, हेमर थ्रोअर ने वर्ष 2014 में दक्षिण कोरिया के इंचियोन में सम्पन्न एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था।
– गंगोत्री भंडारी 13 अगस्त 1956 को गढ़वाल में जन्मी लेकिन बाद में जयपुर रहने लगी। भंडारी भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व खिलाड़ी है। उन्होंने 1980 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और 1982 के एशियाई खेलों के साथ-साथ कई अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह 1981 में क्योटो, जापान में सम्पन्न एशियाई हॉकी चैम्पियनशिप के दौरान भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान भी रही।
– मंजरी भार्गव पूर्व भारतीय गोताखोर है। डाइविंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें 1974 में केन्द्र सरकार ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।
– शगुन चौधरी का जन्म वर्ष 1983 में हुआ। जयपुर की यह शूटर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। शगुन लंदन में 2012 सम्पन्न ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में ट्रैप शूटिंग इवेंट में 20वें स्थान पर रही।
– सुनीता गोदारा पूर्व भारतीय मैराथन धावक है। वह 1984 में दिल्ली मैराथन जीतकर पहली राष्ट्रीय चैंपियन बनीं। उन्होंने पेनांग और केदाह मैराथन में भी पदक जीते। उन्होंने बांडुंग में सम्पन्न एशियाई मैराथन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
– परमजीत कौर जन्म 2 अप्रेल 1976 को मेरठ में हुआ। बाद में वह राजस्थान में आ गई। यह एक अंतरराष्ट्रीय एथलीट है। उन्होंने 2000 में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्पन्न एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिला वर्ग की 4400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक जीता। सिडनी ओलंपिक 2000 में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
– कोटा की भुवनेश्वरी कुमारी एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी है और ट्रैप शूटिंग चैंपियन है। उन्हें वर्ष 1969 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म 29 मई 1945 को बॉम्बे में हुआ था।
– भुवनेश्वरी कुमारी भारत की एक पूर्व स्क्वैश चैंपियन हैं। उनका जन्म अलवर के शाही परिवार में हुआ।
– राज्यश्री कुमारी का जन्म 4 जून 1953 को हुआ। पूर्व भारत राज्यश्री को 1968 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया था।
– सुरभि मिश्रा भारतीय महिला स्क्वैश खिलाड़ी है। उन्होंने भारत की प्रतिष्ठित स्क्वैश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल का स्थान लिया।
– सुनीता पुरी भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान हैं। उन्हें खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वर्ष 1966 में केन्द्र सरकार ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
– मिताली दोराई राज (जोधपुर) भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनी। महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक 6000 रन बनाने वाली 6000 रन स्कोर करने वाली एकमात्र महिला क्रिकेटर है।
– सपना पुनिया (जयपुर) एक महिला रेसवॉकर है। उन्होंने 2015 में बीजिंग में सम्पन्न विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 20 किलोमीटर पैदल चाल स्पर्धा में भाग लिया।
– वर्षा सोनी जयपुरए राजस्थान से भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य रही। 1980 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों और 1982 के एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

Home / Udaipur / इधर समाज इन्हें नोंचता रहा, उधर बेटियों ने नाप लिए धरती-आसमान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो