scriptकानूनी पेचिदगियों की आड़ में मिलावटखोर साफ बचे | The spies in the guise of legal complications | Patrika News
उदयपुर

कानूनी पेचिदगियों की आड़ में मिलावटखोर साफ बचे

– दीपावली की मिलावट मिठाई हजम, अब होली की बारी
– दीपावली सीजन में लिए गए नमूनों में से २३ मामले मिले अनसेफ

उदयपुरMar 12, 2019 / 11:51 am

Bhuvnesh

दीपावली सीजन में लिए गए नमूनों में से २३ मामले मिले अनसेफ

दीपावली सीजन में लिए गए नमूनों में से २३ मामले मिले अनसेफ

भुवनेश पंड्या

उदयपुर . प्रतिष्ठित मिष्ठान भंडारों पर कांच के चमचमाते शोकेस में रखे सजी मिठाइयों के रूप में जमकर जहर बेचा गया। दीपावली को गुजरे लम्बा समय हो गया, लेकिन मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई अंजाम पर नहीं पहुंच पाई है। अब होली की बारी है, अभियान तो शुरू हो गया लेकिन मिलावट के खिलाफ कार्रवाई की मंथर गति से मिलावटखोर बेखौफ हैं। शहर सहित जिले भर से दीपावली के सीजन में जिन मिठाइयों और खाद्य सामग्री के नमूने लिए गए, उनमें से २३ असुरक्षित पाए गए लेकिन कानूनी पेचिदगियों की आड़ में मिलावटखोर साफ बचे हुए हैं। अब तक उनके खिलाफ कुछ नहीं हुआ है।
दीपावली सीजन पर लिए गए नमूनों की जांच में सामने आया कि कुल ५६० नमूनों में से ११६ में गड़बड़ सामने आई। इनमें से ३४ नमूने सब स्टैंडर्ड, २३ अनसेफ, ५७ मिसब्रांड और दो नमूने एेसे पाए गए हैं, जिनमें फूड सैफ्टी एक्ट के सभी नियमों को तोड़ा गया है।
——

ये है अनसेफ यानी असुरक्षित

किसी भी खाद्य सामग्री या मिठाई का मूल स्वरूप बदल देना, उसमें एेसी चीजों को मिलाना जो जहर हो या जानलेवा हो तो उसे अनसेफ का दर्जा दिया जाता है। केमिकल व अखाद्य सस्ते रंग, पेस्टीसाइट और हैवी मेटल जैसी अखाद्य चीजों की मिलावट अनसेफ होती है।
इनमें मिली गड़बड़ी, होली पर रहें सतर्क

– अनसेफ श्रेणी- बटर, पनीर, आइसक्रीम, दही व दूध से बने खाद्य, घी, खाद्य तेल, दालें, नमक, सुपारी, पान मसाला, अनाज।
– सब स्टैंडर्ड व मिस ब्रांड में मिठाइयों से सहित सभी खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
——

एेसे बचते है मिलावटखोर

जिनके नमूने अनसेफ मिलते हैं, उनके मामले न्यायालय में जाते ही हैं, लेकिन इससे पूर्व मिलावटियों को बचने का एक मौका दिया जाता है। इसमें वह बचने की गली निकाल लेते हैं। सरकारी अधिकारी जांचे गए नमूनों की एक पोटली उन्हें देकर दोहरी जांच का मौका देते हैं। वे गाजियाबाद, मैसूर, कोलकाता और पूणे स्थित रेफरल लैब में से कहीं से भी खुद नमूनों की जांच करवा सकते हैं। एेसे में कई बार वे बच जाते हैं। फूड सेफ्टी एनालिस्ट डॉ रवि सेठी ने बताया कि जांचकर्ता चार नमूना लेते हैं, जिसमें से एक नमूना मिलावटखोर या वेंडर, दो जांचकर्ता को लैब के लिए व एक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के लिए होता है। यदि रेफरल लैब में नमूना फेल होता है, तो मिलावटी को जेल व जुर्माना दोनों होते हैं। एेसे मामले सीधे न्यायालय में जाते हैं, जबकि मिस ब्रांड व सब स्टैंडर्ड के मामले एसडीएम कोर्ट में जाते हैं, इसमें केवल जुर्माना होता है।
—–
अनसेफ नमूना पूरी तरह से साबित होने पर जेल होती है, हमने पूरे प्रयास कर फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली है। वेंडर्स को उसके नमूने की जांच करवाने की आजादी है। इस बार अब तक किसी मिलावटी को सजा नहीं हुई है, प्रक्रिया जारी है। हमने होली का जांच अभियान भी शुरू कर दिया है।
पंकज मिड्डा, चीफ फूड एनालिस्ट उ

Home / Udaipur / कानूनी पेचिदगियों की आड़ में मिलावटखोर साफ बचे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो