]जाते ही ये मिलते है सबसे पहले इनसे:इन्दुबाला सेन, कल्पना और नीता नवल – ये सभी फीमेल नर्स है, सुबह 8 से, 2 से 8 व रात 8 से सुबह 8 बजे तक इनमें से किसी एक समय राउण्ड दी क्लॉक इनकी ड्यूटी लगाई जाती है। ये एसएसबी ब्लॉक में ओपीडी में काम देख रहे है। ये सीधे जांच के लिए आने वाले मरीजों से मिलती है, जिन मरीजों से हर कोई डरता है ये उनकी पर्ची बनाती है, उनका पंजीयन करती हैं, उस मरीज को बिठाकर उसकी पूरी हिस्ट्री लेकर स्क्रीनिंग के लिए आगे भेजती हैं। तीनों का कहना है कि ड्यूटी करनी है तो डरना कैसा, उनका मानना है कि कोरोना से लडऩा सीखा है उन्होंने। वे कहती है कि जो मरीज यहां पहुंच रहे वे काफी डरे हुए आते हैं, पहले वह उन्हें समझाकर बिठाती है, उनका डर दूर करने का प्रयास करती हैं। फिर वह थोड़े सामान्य हो जाते है फिर बात करती है। यहां से पहुंच रहे है संक्रमित व संदिग्ध फिलहाल ओपीडी में केरल, भीलवाड़ा, जयपुर, मुम्बई, सूरत, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से मरीज जांच के लिए आ रहे हैं। कई बार विदेशी भी आते हैं। विदेशी अपने यहां के मरीजों की बजाय थोड़े निडर नजर आते हैं। वे शंात भाव सेआकर अपनी बात बताते हैं, उनके अनुसार ये बीमारी फैली है तो उन्हें टेस्ट करवाना जरूरी है।
—- घर पर भी अब तो समझने लगे हैं… पहले जैसे ही घर वालों ने सुना था कि ड्यूटी कोरोना वार्ड में है तो वे डरने लगे थे, लेकिन जब उन्हें पूरे सुरक्षा प्रबन्ध की जानकारी दी गई तो वे सामान्य हुए, अब वे भी पूरी तरह तैयार है, मानते है कि इस लड़ाई में हमें हर हाल में जीतना है।