READ MORE : तब तेंदुलकर के कदम गुरु रमाकांत का नाम सुन एयरपोर्ट पर रुक गए डीएफओ शर्मा ने टीम को निर्देश दिए कि गोदाम पूरी तरह से बंद कर दे और दिन में नहीं खोला जाए क्योंकि आबादी क्षेत्र हैं, तय किया गया कि रात को इस गोदाम को खोला जाए ताकि पैंथर वहां से निकल जाए। रात 11 बजे वन विभाग की टीम में शामिल देबारी के वनपाल मांगीलाल, मावली से वनरक्षक सुरेश शर्मा व सुरेश जाट ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। टीम ने जैसे ही गोदाम का गेट खोला तो अंदर से दो पैंथर निकले, टीम ने उसी समय दिशा चिन्हित कर पटाखे छोड़ने शुरू किए जिससे वे जैसा चाहते वैसे ही पैंथर देबारी की पहाडियो की तरफ भागे। शर्मा ने बताया की पैंथर आबादी क्षेत्र में नहीं आए इसलिए पटाखे छोड़ने की प्लानिंग की गई।