आरोप सिद्ध होने पर अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश (महिला उत्पीडन प्रकरण) डॉ.दुष्यंत दत्त ने आरोपी को धारा 376 में 10 वर्ष के कठोर कारावास व एक लाख रुपए व धारा 342 में छह माह के साधारण कारावास एवं पांच सौ रुपए जुर्माने की सजा से दंडि़त किया। न्यायालय ने अपने निर्णय में लिखा कि अभियुक्त द्वारा किया गया बलात्कार पीडि़ता के सर्वोच्च सम्मान पर एक गंभीर प्रहार है जिससे पीडि़ता को लज्जित एवं शर्मनाक जीवन जीने की ओर धकेल दिया है। बलात्कार प्रथम श्रेणी का अपराध होता है जो प्रत्यक्ष रुप से पीडि़ता के शरीर व मस्तिष्क को प्रभावित करता है। आरोपी के विरुद्ध नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
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पीडि़ता ने रिपोर्ट में बताया कि उसके पति की मृत्यु करीब दस साल पहले हो चुकी थी। वह अपने दोनों पुत्रों सहित ससुराल में निवास करती है। 3 मार्च को शाम 7.30 बजे वह अपने खेती का कार्य कर नए से पुराने घर जा रही थी। मार्ग में पुलिया पर झाडिय़ों में छिपा बैठा आरोपी गौतम अचानक निकलकर आ गया। आरोपी ग्राम पंचायत ओवरा में चपरासी होने से उसने परिवादिया को कहा कि उसकी जान पहचान अच्छी है वह उसके सरकारी योजना में मकान पास करवा देगा। उसे अभी अटल सेवा केन्द्र आना पड़ेगा, वहां सरकारी कागज पर अंगूठा निशानी करवानी है। मना किया तब भी आरोपी नहीं माना और उसे जबरन अटल सेवा केन्द्र ले गया। वहां रातभर बंद रखकर उसके साथ बलात्कार किया। धमकी दी कि किसी बताया कि दोनों बच्चों को मार देगा व समाज में उसे बदनाम करेगा। तडक़े चार बजे जब आरोपी को नींद आ गई तब वह बाहर निकल भागी। डर के मारे किसी को नहीं बताया, उसके बाद भी आरोपी को धमकी देना लगा। तब उसने कानोड़ अदालत में परिवाद पेश किया।
पीडि़ता ने रिपोर्ट में बताया कि उसके पति की मृत्यु करीब दस साल पहले हो चुकी थी। वह अपने दोनों पुत्रों सहित ससुराल में निवास करती है। 3 मार्च को शाम 7.30 बजे वह अपने खेती का कार्य कर नए से पुराने घर जा रही थी। मार्ग में पुलिया पर झाडिय़ों में छिपा बैठा आरोपी गौतम अचानक निकलकर आ गया। आरोपी ग्राम पंचायत ओवरा में चपरासी होने से उसने परिवादिया को कहा कि उसकी जान पहचान अच्छी है वह उसके सरकारी योजना में मकान पास करवा देगा। उसे अभी अटल सेवा केन्द्र आना पड़ेगा, वहां सरकारी कागज पर अंगूठा निशानी करवानी है। मना किया तब भी आरोपी नहीं माना और उसे जबरन अटल सेवा केन्द्र ले गया। वहां रातभर बंद रखकर उसके साथ बलात्कार किया। धमकी दी कि किसी बताया कि दोनों बच्चों को मार देगा व समाज में उसे बदनाम करेगा। तडक़े चार बजे जब आरोपी को नींद आ गई तब वह बाहर निकल भागी। डर के मारे किसी को नहीं बताया, उसके बाद भी आरोपी को धमकी देना लगा। तब उसने कानोड़ अदालत में परिवाद पेश किया।