आरोपी इतने शातिर है कि इन्होंने चोरी का समय सुबह 10 से शाम 4 बजे के बीच का तय कर रखा है। गलियों में यह रैकी कर पहले उन कॉम्लपेक्स को ढूंढ़ते है जहां गार्ड व सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हो। उसके बाद बुजर्ग साथी व एक डॉक्टर की फर्जी फाइल लेकर अंदर घुसते थे। लिफ्ट से किसी भी फ्लोर में पहुंचकर लॉक लगा फ्लेट तलाश कर लेते थे। उसके बाद बुजुर्ग को पास में खड़ा कर औजार से ताला तोड़ते हुए अंदर घुस जाते। कुछ देर में ही वारदात को अंजाम देकर वे वापस बाहर निकलते हुए कार में बैठकर शहर छोड़ देते थे। आरोपी इतने शातिर है कि रास्ते में कई धरपकड़ न हो जाए इसके लिए वे चोरी के माल में से कीमती सामान, जेवर व नकदी अपने पास रखते हुए बाकी कबाड़ा चलती गाड़ी में ही फेंक देते थे।
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यह इलाका रहा इनका प्रमुख
आरोपियों ने बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान व गुजरात राज्य के अलावा कई देश में कई जगह बड़ी चोरी व नकबजनी की वारदातों को अंजाम दिया। अब तक पूछताछ में उत्तरप्रदेश में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा, प्रतापगगढ़, बिहार में पटना, महाराष्ट्र के औरंगाबाद, राजस्थान में जयपुर, अजमेर, उदयपुर, नाथद्वारा, राजसमंद, गुजरात में साबरकांठा, माउंटआबू में वारदात को अंजाम दिया। आरोपी इतने शातिर है कि वे जिस जगह जाते है वहां पर वह अपने वाहन पर वह अपनी नम्बर प्लेट लगा लेते थे।