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उदयपुर

चोरी के माल से मालमाल, कइयों को कर दिया कंगाल

चोरी के माल से मालमाल, कइयों को कर दिया कंगाल

उदयपुरMar 14, 2020 / 12:28 pm

Mohammed illiyas

चोरी के माल से मालमाल, कइयों को कर दिया कंगाल

चोरी के माल से मालमाल, कइयों को कर दिया कंगाल

मोहम्मद इलियास/उदयपुर

सुखेर थाना पुलिस ने मोबाइल टावर, वाहनों की बैट्रियां और हाइवे निर्माण स्थलों से सामग्री चुराने वाली शातिर गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पूछताछ में उदयपुर, चित्तौडगढ़़ और प्रतापगढ़ में कई वारदातें करना कबूला है। संभाग में 20 मोबाइल टावर तथा 100 से ज्यादा वाहनों से बैट्रियां व 30 से ज्यादा हाइवे निर्माण स्थलों से सरिये व लोहे की प्लेटे चुराना स्वीकार किया है। पुलिस अभी आरोपियों से पूछताछ कर चोरी का माल बरामदगी में जुटी है।
एसपी कैलाशचन्द्र बिश्नोई ने बताया कि जिले में लगातार मोबाइल टावर से एक ही रात में कई बैट्रियां पार होने की थानों में शिकायतें प्राप्त हुई थी। सौभागपुरा सर्कल में भी दो टावर पर चोरी होने पर एएसपी गोपालस्वरूप मेवाड़ा और उपाधीक्षक महेन्द्र पारीख के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। सीआई डी.पी. दाधिच मय टीम ने तफ्तीश करते हुए गैंग का पर्दाफाश किया। मानपुरिया का गुड़ा लसाडिय़ा निवासी सुरेश पुत्र भीमराज डांगी, बलीचा कानोड़ निवासी मुकेश पुत्र नाथूलाल, कूण लसाडिय़ा निवासी महेन्द्र सिंह पुत्र दीपसिंह तंवर, माधुलाल उर्फ मदनलाल पुत्र मोतीलाल को गिरफ्तार किया। सभी आरोपी दो साल से सक्रिय होकर लगातार वारदातें कर रहे थे। वे पहली बार पकड़ में आए।
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रईसाना अंदाज से आया संदेह में
ेसीआई दाधिच के साथ हेडकांस्टेबल मुकेश चौधरी, कांस्टेबल गोविंदसिंह, डालाराम, सुनील मय टीम ने साइबर एक्सपर्ट की मदद के अलावा सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो उन्हें घटनास्थल के आसपास एक पिकअप व दो संदिग्ध कारें मिली। तफ्तीश करने पर एक कार मुकेश भाट के पास होना सामने आया। पुलिस ने उसकी कुंडली टटोली तो वह बेरोजगार मिला, लेकिन उसके पास कार होकर शौक रईसाना मिले।
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पुलिस ने खरीदार बन फांसा
आरोपी मुकेश पर संदेह होते ही कांस्टेबल गोविंद और रोहित ठेकेदार बनकर उससे मिले। उन्होंने एक्सक्वेटर मशीनों के लिए बैट्रियों की जरुरत होना बताकर पांच बैट्रियोंं का दो हजार प्रति बैट्री में सौदा किया। आरोपी ने रात के समय बैट्रियां देना तय किया, वह साथियों के साथ अंबेरी पहुंचा, लेकिन शक होते ही वह कार से भाग निकला। पुलिस ने करीब 25 किलोमीटर पीछाकर आरोपी व उसके साथियों को धरदबोचा।
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चंद मिनटों में बैट्रियां पार
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे दो कार से अलग-अलग क्षेत्रों में रैकी करते थे। रात में वे बिना गार्ड वाले टावर पर अपनी कारों को तथा पिकअप को दूर खड़ी कर देते थे। चंद मिनटों में ही बैट्रियों को निकालने के बाद पिकअप में लोड करते हुए जगह छोड़ देते थे। सभी टावर बैट्री के साथ ही बिजली से जुड़े हुए है। बिजली चालू रहने के दौरान बैट्री निकालने से एकाएक उसी समय किसी को पता भी नहीं चल पाता था। इसी तरह वे अलग-अलग हाइवे पर घूमते हुए रात के समय खड़े ट्रकों से भी बैट्रियां निकाल लेते थे। संभाग में जहां भी हाईवे निर्माण कार्य चल रहा, वहां से सरिया व लोहे की प्लेट चुरा लेते।
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हजारों की बैट्री तोल में
टावर व वाहनों पर लगी बैट्री की कीमत 12 से 15 हजार रुपए है। आरोपी बैट्रियों को 35 रुपए किलो के हिसाब से कबाडिय़ों को बेचते थे। एक बैट्री में 30-35 किलो वजन होने से उन्हें 1500 रुपए मिलते थे। पैसों को मौज-शौक में उड़ा दिए।
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यहां की वारदातें
आरोपियों ने कूण (लसाडिय़ा), अमरपुरा (भींडर), बनोड़ा, देवगांव, जयसमंद, उथरदा (सलूम्बर), चित्तौडगढ़़ हाइवे पर वाना (खेरोदा), मंगवलवाड़ (चित्तौडगढ़़) हाइवे पर, सौभागपुरा सेरेमनी रिसोर्ट के बाहर (सुखेर), कारुंड़ा चौराहा (निम्बाहेड़ा), धरियावद (प्रतापगढ़) में 20 से ज्यादा मोबाइल टावर से 24-24 बैट्रियां चुराई। चित्तौडगढ़़ हाइवे पर एक रात में चार टावर के ताले तोड़े, लेकिन दो जगह गार्ड होने पर भाग निकले। आरोपियों ने उदयपुर चित्तौडगढ़़, उदयपुर अहमदाबाद, उदयपुर-प्रतापगढ़ मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्यों से सामग्री चुराते हुए डंूगला में बेचना स्वीकार किया।

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