वाह… ये ऐसे शातिर जिन्होंने पैसा लेकर कइयों के खोल दिए भाग्य, लगा दी सरकारी नौकरियां, पकड़े तो खुले राज
वाह… ये ऐसे शातिर जिन्होंने पैसा लेकर कइयों के खोल दिए भाग्य, लगा दी सरकारी नौकरियां, पकड़े तो खुले राज
वाह… ये ऐसे शातिर जिन्होंने पैसा लेकर कइयों के खोल दिए भाग्य, लगा दी सरकारी नौकरियां, पकड़े तो खुले राज
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर की परीक्षा में पैसा लेकर फर्जी अभ्यर्थी बिठाने वाले गिरोह के सरगना व उसका एक साथी सरकारी कार्मिक है। सरगना ने इससे पहले भी फर्जी अभ्यर्थी बिठाकर उनकी परीक्षा दिलवाई, उनमें अभी कई सरकारी नौकरी में है। इसके अलावा सबसे बड़ी बात उदयपुर के भूपाल नोबल्स में पकड़ में आए फर्जी अभ्यर्थी महज 12 वीं पास निकला जबकि उस परीक्षा में बीएससी नर्सिंग होना जरुरी है। कम पढ़ा लिखा होने के बावजूद अभ्यर्थी ने उत्तरपुस्तिका में सभी उत्तर दिए वह सही थे या गलत, यह जांच का विषय है। अगर सही तो तो पेपर लीक से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
एसओजी व एटीएस की टीम ने तीन दिन पहले भूपाल नोबल्स पब्लिक स्कूल में छापा मार कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर के पद पर भर्ती परीक्षा देते हुए जगराम की ढाणी गिडा बाड़मेर निवासी सांगाराम पुत्र राणाराम चौधरी को पकड़ा था। उसके बाद स्कूल परिसर में ही दो कारों में आरोपी के भाई देवाराम चौधरी, खोखसर गीड़ा निवासी झूमरलाल पुत्र देवाराम चौधरी, खडगदा सागवाड़ा (डूंगरपुर) निवासी राकेश पुत्र भूपेन्द्र भील, वासनी निकुंबा डांगीयावास निवासी अनिल पुत्र नेनाराम विश्नोई, ओड़ सागवाड़ा (डूंगरपुर) निवासी नरेश पुत्र गोपाल पाटीदार को पकड़ा था। सरगना व अन्य से कई और राज खुलने से पुलिस ने पूछताछ के लिए सांगाराम, देवाराम व झूमरलाल का चार दिन और पुलिस रिमांड लिया है। राकेश, अनिल व नरेश को न्यायालय ने जेल भेज दिया।
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मंत्रालयिक कर्मचारियों से गु्रप पर फर्जीवाड़े का मैसेज
आरोपी झूमरलाल गैंग का सरगना है, यह हर विषय के एक्सपर्ट को अपने पास रखता है। इसने मंत्रालायिक कर्मचारियों का एक व्हाट्स-अप गु्रप बना रखा है। वह स्वयं बालोतरा उपखंड कार्यालय में एलडीसी है। ग्रुप में भी सभी सरकारी कार्मिक होने से यह उन्हें उनके इलाके में किसी अभ्यर्थी की परीक्षा को पास करवाने की गारंटी लेता है। इस गु्रप के माध्यम से उसने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अम्बाड़ा (डूंगरपुर) के अध्यापक राकेश भील से सम्पर्क किया। उसने नरेश पाटीदार से सम्पर्क करवाकर सीएचओ की परीक्षा के लिए 4 लाख में सौदा किया। झूमर ने बाद में देवाराम से सम्पर्क कर सांगाराम को परीक्षा देने भेजा। आरोपी झूमरलाल ने पूछताछ में बताया सांगाराम कम पढ़ा होने के बावजूद वह पूर्व में तीन बार नीट की परीक्षा में बैठ चुका है, विषय का एक्सपर्ट होने से पूर्व में कुछ अभ्यर्थी पास भी हुए थे।
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एक आरोपी तो बन गया अध्यापक
आरोपी झूमरलाल से पूछताछ में सामने आया कि उसने वर्ष 2016 में सिवाड़ा सांचोर निवासी मुकेश कुमार विश्नोई की जगह पर श्रवणाराम से रिट की परीक्षा दिलवाई थी। पास होने पर उससे पांच लाख रुपए लिए थे। मुकेश के अभी जालोर में किसी विद्यालय में अध्यापक होने की जानकारी सामने आई है। पुलिस इस आरोपी के बारे में जानकारी जुटाकर संबंधित विभाग को पत्र लिखेगा।
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12 वीं पास द्वारा परीक्षा देना जांच का विषय
– आरोपी ने सीएचओ की परीक्षा में 12 वीं पास को बिठाया। उसने उत्तरपुस्तिका में सभी प्रश्न के उत्तर दिए। बीएससी नर्सिंग से जुड़े प्रश्नों की उसे कैसे जानकारी थी। अगर वह उत्तर सही है तो पेपर कहां से आया। पुलिस अभी मामले की जांच में जुटी है।
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आरोपी से पूछताछ में पूर्व में भी पैसा लेकर दूसरों की जगह फर्जी अभ्यर्थी द्वारा अन्य की जगह परीक्षा देना सामने आया है। रिट की परीक्षा में एक अभ्यर्थी से पांच लाख रुपए लेना स्वीकार किया है। वह अभ्यर्थी अभी जालोर में अध्यापक बताया गया है और भी कई फर्जीवाड़ा खुलने की संभावना है।
सुबोध जांगिड़, उपनिरीक्षक, एसओजी
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