धानमण्डी थानाधिकारी गोविन्द सिंह, जिला स्पेशल टीम प्रभारी डॉ. हनवन्त सिंह राजपुरोहित की ओर से धानमण्डी थाना क्षेत्र के देहलीगेट स्थित एक मकान में नकली घी बनाने के कारखाने का खुलासा किया गया। आरोपी नयापुरा देहलीगेट निवासी हरीश पुत्र नारायण लाल साहू, अदकालिया झाड़ोल हाल नयापुरा देहलीगेट निवासी ताराचन्द पुत्र भेरूलाल पटेल, तेल बाजार निवासी जय कुमार साहू पुत्र लोकेश कुमार साहू, हिरणमगरी सेक्टर-4 निवासी कमलेश हिंगड़ पुत्र नेमीचन्द हिंगड़ को गिरफ्तार किया। आरोपी हरीश साहू पर पहले भी नकली घी बनाने के मुकदमे दर्ज है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी हरीश साहू नकली घी बनाने वाले कारखाने का मालिक होकर मास्टर माइण्ड है। ताराचन्द पटेल, जय कुमार साहू व कमलेश हिंगड़ यहां नकली घी बनाने में सहयोग करते हैं। ये शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-बड़े हलवाइयों से संपर्क कर सामाजिक आयोजनों के भोज में घी का इस्तेमाल करवाते थे। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल भारद्वाज और अशोक गुप्ता ने जांच के लिए घी के नमूने लिए।
कारखाने में सोयाबीन तेल, पाम ऑयल, वनस्पति घी एवं खुशबूदार घी का एसेन्स बरामद किया, जिसे मिलाकर घी तैयार किया जा रहा था। नकली घी बनाने में 60 प्रतिशत सोयाबीन या पाम ऑयल और 40 प्रतिशत वनस्पति घी का इस्तेमाल किया जाता है। नकली घी को असली जैसा खुशबूदार बनाने के लिए एंसेस डाला जाता है। इससे असली-नकली की पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी हरीश साहू नकली घी बनाने वाले कारखाने का मालिक होकर मास्टर माइण्ड है। ताराचन्द पटेल, जय कुमार साहू व कमलेश हिंगड़ यहां नकली घी बनाने में सहयोग करते हैं। ये शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-बड़े हलवाइयों से संपर्क कर सामाजिक आयोजनों के भोज में घी का इस्तेमाल करवाते थे। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल भारद्वाज और अशोक गुप्ता ने जांच के लिए घी के नमूने लिए।
कारखाने में सोयाबीन तेल, पाम ऑयल, वनस्पति घी एवं खुशबूदार घी का एसेन्स बरामद किया, जिसे मिलाकर घी तैयार किया जा रहा था। नकली घी बनाने में 60 प्रतिशत सोयाबीन या पाम ऑयल और 40 प्रतिशत वनस्पति घी का इस्तेमाल किया जाता है। नकली घी को असली जैसा खुशबूदार बनाने के लिए एंसेस डाला जाता है। इससे असली-नकली की पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है।
नकली घी का एक टीन बनाने में 1800 से 2000 रुपए खर्च आता है, जबकि ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते इसकी कीमत 5500 से 5700 तक हो जाती है। पूछताछ करने पर सामने आया कि यहां प्रतिदिन 15 से 20 टीन तैयार कर धानमण्डी, कृषि मण्डी आदि क्षेत्रों में आपूर्ति किए जा रहे थे।
नकली घी भरने के लिए आरोपियों की ओर से कबाड़ी व फेरी वालों से घी के खाली टीन लिए जाते थे। टीन के मुंह पर लगने वाली सील व कर्टन बाहर से मंगवाए जाते थे। मेन्युफेक्चरिंग की फर्जी सील कर्टन पर लगा दी जाती थी। सबकुछ इतना सफाई से होता कि किसी को जरा भी शक नहीं होता। टीन के अलावा एक-एक किलो के पैकेट में भी आपूर्ति की जा रही थी। बड़ी मात्रा में नकली घी के टीन बरामद किए, जिन पर बड़े ब्राण्ड के नकली कवर, सील व रेट लिस्ट चस्पा थी।
नकली घी भरने के लिए आरोपियों की ओर से कबाड़ी व फेरी वालों से घी के खाली टीन लिए जाते थे। टीन के मुंह पर लगने वाली सील व कर्टन बाहर से मंगवाए जाते थे। मेन्युफेक्चरिंग की फर्जी सील कर्टन पर लगा दी जाती थी। सबकुछ इतना सफाई से होता कि किसी को जरा भी शक नहीं होता। टीन के अलावा एक-एक किलो के पैकेट में भी आपूर्ति की जा रही थी। बड़ी मात्रा में नकली घी के टीन बरामद किए, जिन पर बड़े ब्राण्ड के नकली कवर, सील व रेट लिस्ट चस्पा थी।
इस टीम ने की कार्रवाई
कार्रवाई में धानमण्डी थानाधिकारी गोविन्द सिंह, एएसआई भंवर लाल, कांस्टेबल कैलाशचन्द्र, रामप्रताप, सुभाष, मोहित, ओमप्रकाश, जिला स्पेशल टीम प्रभारी डॉ. हनवन्त सिंह राजपुरोहित, साइबर सेल कांस्टेबल गजराज सिंह, हेड कांस्टेबल सुखदेव सिंह, विक्रम सिंह, कांस्टेबल अनिल पुनिया, प्रहलाद, रविन्द्र, मनमोहन, विक्रम सिंह, फिरोज आदि की भूमिका रही।
कार्रवाई में धानमण्डी थानाधिकारी गोविन्द सिंह, एएसआई भंवर लाल, कांस्टेबल कैलाशचन्द्र, रामप्रताप, सुभाष, मोहित, ओमप्रकाश, जिला स्पेशल टीम प्रभारी डॉ. हनवन्त सिंह राजपुरोहित, साइबर सेल कांस्टेबल गजराज सिंह, हेड कांस्टेबल सुखदेव सिंह, विक्रम सिंह, कांस्टेबल अनिल पुनिया, प्रहलाद, रविन्द्र, मनमोहन, विक्रम सिंह, फिरोज आदि की भूमिका रही।