ऑफर पर ऑफर फिर भी नहीं उठ रही कई कमाई की दुकानें
ऑफर पर ऑफर फिर भी नहीं उठ रही कई कमाई की दुकानें
छत्तीसगढ़ में शराब की होम डिलीवरी आज से शुरू, इस वेबसाइट और App से करना होगा ऑर्डर
मोहम्मद इलियास/उदयपुर. लॉकडाउन मेें घाटा होने के बाद आबकारी विभाग शराब का राजस्व बढ़ाने के लिए हर तरह के पैंतरे आजमा रहा है। बार-बार लॉटरी व तोड़बट्टे के बावजूद शत प्रतिशत दुकानों का सेटलमेंट नहीं होने पर इस बार सरकार ने छूट पर और छूट देते हुए ठेकेदारों को खुला ऑफर दिया है। राज्य के कई जिलों में दो-पांच दुकानें मिलाकर अभी 321 दुकानें बाकी है। इन दुकानों को उठाने के लिए सरकार ने ईपीए व कम्पोजिट फीस में अब कुल 30 प्रतिशत की छूट दे दी।
शराब कारोबार से करीब 12 हजार करोड़ रुपए सालाना कमाने वाली सरकार किसी भी हालत में दुकानों का सेटलमेंट कर राजस्व लक्ष्य पूरा करना चाहती है। लॉकडाउन में राशन की दुकानों के साथ ही शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति देनी वाली सरकार ने एक दिन पहले ही होटल-रेस्टोरेंट में बार चलाने की अनुमति भी दे दी। अब बची 321 दुकानों को सेटलमेंट करने के लिए ठेकेदारों को खुला ऑफर दिया है। इस ऑफर में बाकी देसी मदिरा समूहों व दुकानों के लिए निर्धारित ईपीए अथवा कम्पोजिट फीस में पूर्व में दी गई 15 प्रतिशत की छूट के अतिरिक्त 15 प्रतिशत यानि कुल 30 प्रतिशत की और छूट दी है। इसके तहत निर्धारित ईपीए अथवा कम्पोजिट फीस किसी एक में यह छूट मिलेगी। गौरतलब है कि राज्य में अंग्रेजी शराब की एक हजार एवं 5543 देसी मदिरा समूह में 6665 दुकानें हंै।
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उदयपुर में बॉर्डर की दुकानें अब तक नहीं उठी
लॉकडाउन का पूरा असर अभी उदयपुर-गुजरात बॉर्डर से लगी दुकानों पर पड़ा है। करोड़ों रुपए कमाने वाली ये दुकानें लॉकडाउन में बॉर्डर पर धरपकड़ के कारण शराब नहीं पहुंचाने के कारण कोई इनमें हाथ नहीं डाल रहे हैं। गुजरात बॉर्डर से सटी राज्य की 9 दुकानें हैं, इनमें किसी ने पैसा ही जमा नहीं करवाया तो कोई गारंटी राशि ही जमा नहीं करवा रहा। संबंधित अधिकारी अभी इन दुकानों की जोड़तोड़ की गणित में लगे हैं। बॉर्डर की दुकानों के बारे में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इन पर आवेदन कम आए, लेकिन एक करोड़ से ज्यादा कीमत होने से अब ठेकेदार हाथ खींच रहे हैं।
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इनका कहना है
शेष दुकानों के लिए सरकार ने 15 प्रतिशत की और अतिरिक्त छूट प्रदान की है। उम्मीद है कि अब यह सभी दुकानें उठ जाएंगी।
छोगाराम देवासी, अतिरिक्त आबकारी आयुक्त
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