1.5 किमी. मार्ग, 2 टंकी फिर भी लोग प्यासे
1.5 किमी. मार्ग, 2 टंकी फिर भी लोग प्यासे
1.5 किमी. मार्ग, 2 टंकी फिर भी लोग प्यासे
मोहम्मद इलियास/उदयपुर दक्षिणी सुन्दरवास क्षेत्र के वांशिदों के लिए दो करोड़ की लागत से बनाई गई पानी की टंकी भी उनकी प्यास नहीं बुझा पाई। आबादी के अनुपात में कम क्षमता की टंकी बनने से वहां पर लोगों को पूरा पानी नहीं मिल पा रहा है जबकि पूर्व में वहां पर पुरानी टंकी के साथ ही मानसी वाकल के पानी सीधा मिलने से एक से डेढ़ घंटे तक पानी मिल पा रहा है। इसके अलावा जगह-जगह पाइप लाइन फूटी होने के बावजूद जलदाय विभाग के अधिकारी टेंडर के अभाव मेें इसे जोड़ नहीं पा रहे।
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केस-1
स्थान-खेमपुरा
टंकी की लागत- करीब 2 करोड़
भराव क्षमता-12 लाख लीटर
तीन साल पहले वनवासी सेवा समिति से जमीन देकर नगर निगम ने यहां पर करीब दो करोड़ की लागत से 12 लाख लीटर भराव क्षमता की टंकी बनवाई थी लेकिन आबादी के हिसाब से यह छोटी पड़ गई। अभी यहां पर लोगों को अल्पदाब में महज 30 से 45 मिनट ही पानी मिल पा रहा है। लाइन जगह-जगह टूटी होने से कई जगह तो यह पानी भी पूरा नहीं पहुंच रहा। सर्वाधिक परेशानी भैरूजी कॉलोनी, दक्षिण सुन्दरवास, आदर्शनगर, शिवनगर, प्रजापतिनगर में हो रही है।
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केस-2
स्थान-प्रतापनगर
टंकी की लागत- करीब 2 करोड़
भराव क्षमता- 26 लाख लीटर
प्रतापनगर क्षेत्र में 22 लाख लीटर पानी की क्षमता वाली टंकी के टूटने पर 26 लाख लीटर भराव क्षमता वाली नई टंकी का निर्माण किया गया। इस टंकी से निर्माण के बाद दक्षिणी सुन्दरवास में नई टंकी बनने से इसकी सप्लाई बंद कर दी। नई टंकी पानी पूरा सप्लाई नहीं कर पाई और पुरानी टंकी से पानी पूरा नहीं मिला। इस टंकी से अभी प्रतापनगर क्षेत्र में पानी सप्लाई की जा रही है लेकिन मानसी वाकल क्षेत्र की लाइन नहीं जोडऩे से वहां भी पानी पूरा नहीं मिल पा रहा है।
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तीन साल में भरभरा कर गिरने लगी दीवार
सरकारी काम में निर्माण सामग्री किस तरह की होती है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हाल में तीन साल पहले खेमपुरा में टंकी के निर्माण के साथ ही निगम वहां पर सात लाख रुपए खर्च कर ब्राउड्रीवॉल का निर्माण करवाया लेकिन अधिकांश जगह पर वह भरभरा कर टूट गई।
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क्षेेत्रवासियों की सुविधा के लिए नगर निगम ने दो करोड़ की लागत से पानी की टंकी का निर्माण करवाया था लेकिन यह टंकी लोगों को पूरा पानी नहीं दे पाई। इससे तो बढिय़ा पुरानी टंकी से लोगों को एक से डेढ़ घंटा प्रेशर से पानी मिल रहा था। अभी जगह-जगह पाइप लाइन टूटी होने से भी पानी अल्पदाब में घरों में पहुंच रहा है।
वेणीराम सालवी, वार्ड-42 पार्षद
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