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हाइकोर्ट ने भी कह दिया पिछोला झील में चलने वाले कूज में व्यवसायिक गतिविधियां नहीं होगी

locationउदयपुरPublished: Sep 17, 2021 08:17:15 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

हाइकोर्ट ने भी कह दिया पिछोला झील में चलने वाले कूज में व्यवसायिक गतिविधियां नहीं होगी

हाइकोर्ट ने भी कह दिया पिछोला झील में चलने वाले कूज में व्यवसायिक गतिविधियां नहीं होगी

हाइकोर्ट ने भी कह दिया पिछोला झील में चलने वाले कूज में व्यवसायिक गतिविधियां नहीं होगी

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
उदयपुर की पिछोला झील में उतारे गए क्रूज को लेकर नगर निगम ने हाइकोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह उसक व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं करेगा। न्यायालय ने क्रूज संचालक एम.एम.इन्टरप्राइजेज को भी मामले में पक्षकार बनाने का आग्रह स्वीकार करते हुए सुनवाई 15 सितम्बर तक टाल दी।
न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने उदयपुर नगर निगम की याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में उदयपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय क्रम-4 के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें 15 दिन में क्रूज को झील से बाहर निकालने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कू्रज का संचालन करने वाली कंपनी एमएम एंटरप्राइजेज ने पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र पेश किया, जिसे एकल पीठ ने स्वीकार कर लिया। नगर निगम ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि झील में वाणिज्यिक रूप से क्रूज का संचालन नहीं किया जाएगा।
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एडीजे अदालत का आदेश बरकरार
एडीजे कोर्ट ने कू्रज को नगर निगम आयुक्त के स्वयं के खर्च पर 15 दिन में बाहर निकालने का आदेश दिया था। इस आदेश को 9 सितम्बर को 15 दिन पूरे हो चुके है। अभी तक हाइकोर्ट ने एडीजे कोर्ट के फैसले पर कोई आदेश या कोई लिखित टिप्पणी नहीं की।

यह था मामला
निगम की ओर से पिछोला झील में क्रूज संचालन करने पर झील प्रेमियों ने विरोध किया था। उनका कहना था कि कू्रज के चलने पर झील प्रदूषित होगी तथा जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। राजस्थान पत्रिका ने भी जनहित के इस मुद्दे को जनता की आवाज बनकर उठाते हुए सिलसिलेवार खबरे प्रकाशित की थी। इन्हीं खबरों को आधार बनाते हुए झील प्रेमियों ने झील को सुरक्षित व संरक्षित करने तथा कू्रज संचालन पर रोक के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने झील प्रेमी तेजशंकर पालीवाल,अशोक पालीवाल व जयदीप पालीवाल ने जिला कलक्टर, आयुक्त नगर निगम व अतिरिक्त मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग के खिलाफ प्रार्थना पत्र पेश किया था।
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