मेले में टीम ने दुकानों पर खुलेेआम चाइनीज सामान खरीदते-बेचते हुए देखा। विक्रेताओं के चेहरे पर निगम की सख्ती का कोई डर नहीं था। वे बिना किसी डर के चाइनीज वस्तुएं बेच रहे थे। निगम की सख्ती के दावों की पोल खोलते ये आइटम कई स्टॉल पर सजे मिले। स्टॉलों पर मेड इन चाइना लिखी वस्तुएं टंगी हुई थी। इनमें अधिकतर खिलौने शामिल थे। एक खरीदार ने चाइनीज वस्तु देखी तो दुकानदार से पाबंदी के बावजूद भी बेचने का सवाल उठाया तो दुकानदार के पास कोई जवाब नहीं था। सवाल उठाने वाले ने कहा कि कई जगह चाइनीज सामान देखे मेले में, उसका कहना था कि जब से चाइनीज वस्तुओं का बहिष्कार होने लगा, तब से अधिकतर चाइनीज सामान से पहचान ही हटा ली गई।
पत्रिका संवाददाता ने दुकानदार से चाइनीज वस्तुओं की सख्ती पर सवाल किया तो उसका जवाब था कि कोई देखने नहीं आया। हम तो सामान बेच रहे हैं। इससे पहले उससे स्वदेशी वस्तु दिखाने को कहा तो उसने कई वस्तुओं के बीच से एक वस्तु निकालकर बताई। दुकानदार का कहना था कि अन्य सभी वस्तुएं चाइनीज हैं। वहां करीब पांच से छह स्टॉल्स में से अधिकतर पर चाइनीज वस्तुएं बिकती मिली।
मेले में चाइनीज वस्तुओं की बिक्री को लेकर पहले भी शिकायत आई थी। हमने सर्वे कर चाइनीज वस्तुएं जब्त की थी। आगे से नहीं बेचने की हिदायत दी थी। हमारे पास स्टाफ कम हैं और वह भी मेले की तैयारियों में लगा हुआ है। इसके चलते रोज जांच नहीं कर सकते। अगर ऐसी शिकायत है तो फिर से सर्वे कर चाइनीज वस्तुएं जब्त की जाएगी।
– चन्द्रसिंह कोठारी, महापौर, नगर निगम