अग्रवाल ने महापौर व आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि कुछ दिन आपकी ओर से इस इमारत को लेकर सख्ती की गई और कार्रवाई भी की लेकिन इसके बाद वापस वहां पर निर्माण जारी है। बेसमेंट बना लिया गया है। रिहायशी अनुमति पर व्यावसायिक भवन बन गया और सेटबैक तक नहीं छोड़ा गया है। अवैध भवन नदी के बहाव क्षेत्र में है। कभी भी हादसा होने की आशंका है।
यह मिली थी स्वीकृति : बताते हैं कि नगर निगम की भवन अनुमति समिति ने 2 जून 2014 को बैठक के दौरान शंकरलाल प्रजापत को प्लाट नंबर 1-जी व 1-एच पर सामने 10-10 तथा पीछे 5 वर्गफीट सेटबैक छोडऩे के साथ निर्माण की मंजूरी दी थी। बगैर बेसमेंट के भूतल सहित दो मंजिला आवासीय निर्माण होना था। शर्त के तहत प्लन्थ लेवल न्यूनतम एक मीटर रखना भी अनिवार्य किया गया था।