scriptउदयपुर की भीषण गर्मी ने किए सबके हाल बेहाल, पहली बार यहां सूखते तालाब में मरी मछलियां | udaipur temperature weather: fishes died in bird village menar udaipur | Patrika News
उदयपुर

उदयपुर की भीषण गर्मी ने किए सबके हाल बेहाल, पहली बार यहां सूखते तालाब में मरी मछलियां

मेनार. इन दिनों 43 डिग्री तापमान वाली गर्मी और लू के थपेड़ों से आमजन ही नहीं जीव-जंतु भी बेहाल है।

उदयपुरMay 08, 2018 / 03:49 pm

madhulika singh

fishes died in bird village menar udaipur
मेनार. इन दिनों 43 डिग्री तापमान वाली गर्मी और लू के थपेड़ों से आमजन ही नहीं जीव-जंतु भी बेहाल है। उदयपुर जिले के बर्ड विलेज में इसका खासा असर देखा जा रहा है। प्रवासी पक्षियों का प्रमुख डेरा माने जाने वाले धण्ड तालाब में पानी तेजी से सूख रहा है। जो पानी बचा है, उसमें भी तापमान बढ़ रहा है और ऑक्सीजन कम हो रही है। लिहाजा बड़ी तादाद में मछलियों मर रही है। यूं तो सूखते तालाबों में ऐसा होना आम बात है, लेकिन धण्ड तालाब में मछलियों का मरना आगामी समय में प्रवासी पक्षियों की प्रक्रिया पर संकट खड़ा कर रहा है।
धण्ड तालाब में वाष्पीकरण से जल स्तर में आई कमी के कारण पानी का क्षेत्र 4 प्रतिशत से भी कम रह गया है। अचानक से पानी की कमी आई और पानी के गर्म होने से उसमें ऑक्सीजन की कमी हो गई। इससे मछलियां मरने लगी है। जो पानी बचा है, वह भी मरी मछलियों से दूषित हो रहा है। सोमवार को भी ग्रामीणों ने बड़ी तादाद में छोटी-बड़ी मछलियों को मृत पाया। इस विषय में अभी तक सम्बन्धित विभाग और पंचायत की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।

चार साल पहले भी बने हालात
मेनार के धण्ड तालाब में चार साल पहले भी ऐसे हालात बने थे, लेकिन उस समय तक प्रवासी पक्षियों की आवाजाही कम थी। बीते दो-तीन सालों में प्रवासी पक्षी बढ़े, लेकिन पर्याप्त पानी होने से तालाब नहीं सूखा। पिछले साल के मानसून में बरसात कम होने से इस बार हालात विकट हैं।

प्रवासी पक्षियों की चिंता
मेनार पक्षी विहार के धण्ड तालाब पर मछलियों का मरना प्रवासी परिंदों के लिए चिंता का विषय है। गौरतलब है कि यहां के तालाब पर सर्दियों में बड़ी तादाद में प्रवासी पक्षी आते हैं। नवम्बर में आने वाले प्रवासी पक्षी मार्च तक डेरा जमाए रहते हैं। सुरक्षित प्राकृतिक वातावरण के साथ ही जलीय जीवों की भरपूत तादाद के कारण प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी रहती है।

मछलियों को बचाने के लिए पर्याप्त पानी की जरुरत है। जल स्तर घटता है तो ऑक्सीजन भी कम होती है। जलीय जीवों के लिए 5 मिलीग्राम प्रति लीटर ऑक्सीजन की जरुरत होती है, लेकिन यहां कम पानी होने से 1.9 मिलीग्राम प्रति लीटर ऑक्सीजन ही है। जल स्तर घटने के साथ ही गर्मी से ऑक्सीजन की कमी मछलियों के मरने का कारण है।
दर्शना दवे, शोधार्थी, बीएन विवि उदयपुर
पानी की कमी और उसमें भी ऑक्सीजन की कमी से मछलियां मर रही है। बहते पानी में बच जाती है, लेकिन ठहरे पानी में तापमान बढ़ता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी होती है। उपाय यही है कि तालाब के गहरे भाग है, उसे अधिक गहरा करना चाहिए। इससे मछलियां बच सकती है।
डॉ. सतीश शर्मा, वन्यजीव विशेषज्ञ

पानी और उसमें भी ऑक्सीजन की कमी से मछलियों की मौत हो रही है। इस तरह मछलियों का मरना चिंताजनक है। पक्षियों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए तालाब किनारे को गहरा करने की जरूरत है।
डॉ. एल.एल. शर्मा, पूर्व डीन, फिशरिज कॉलेज, उदयपुर

Home / Udaipur / उदयपुर की भीषण गर्मी ने किए सबके हाल बेहाल, पहली बार यहां सूखते तालाब में मरी मछलियां

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो