अब तक ऐसे पांच यात्रियों को स्टेशन पर ही रोक लिया गया। यात्रा की शुरुआत वर्ष 2013 से हुई। उस समय जिन वरिष्ठजन ने फार्म भरा सभी को यात्रा के लिए ले जाया गया। इसके बाद वर्ष-2014 में एसडीओ के मार्फत यात्रियों का चयन किया गया। वर्ष-2015 से आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाइन की गई। लेकिन इस दौरान जिन वरिष्ठजन ने पहले यात्रा कर ली थी, उनको रोक पाना संभव नहीं हुआ। ऐसे में कई वरिष्ठजन तीन-तीन बार नि:शुल्क यात्रा का लाभ लेते रहे। यह क्रम अब भी नहीं थमा है। जबकि दो बार यात्रा करने वाले और अपात्र वरिष्ठजन के यात्रा करने पर 25 हजार रुपए तक जुर्माना और धारा 420 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करवाने का भी प्रावधान है।
READ MORE: #Blood Signature: उदयपुर में हुए खूनी हस्ताक्षर, ऐसा करने की वजह आपको कर देगी हैरान, देखें वीडियो ऑनलाइन के बावजूद लोचामुख्यमंत्री नि:शुल्क वरिष्ठजन तीर्थयात्रा के तहत कई जीवन साथी भी दो बार यात्रा कर रहे हैं। प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बावजूद इसे पकडऩा आसान नहीं है। इसके तहत प्रथम बार एक जीवन साथी का नाम लिखवाकर दूसरा उसका सहायक बन जाता है। दूसरी बार दूसरे का आवेदन कर पहला सहायक बन जाता है। दोनों बार यात्रा के दौरान भामाशाह और आधार कार्ड अलग-अलग प्रस्तुत किए जाते हैं। ऐसे में इन्हें पकडऩा आसान नहीं है।
दस्तावेज ले रहे, फिर भी नहीं थमी गड़बडिय़ां यात्रा की शुरुआत के समय वरिष्ठजन से पहचान पत्र और शपथ पत्र लिया गया। तीन वर्ष से वरिष्ठजन से आधार कार्ड और भामाशाह कार्ड की कॉपी भी ली जा रही है। इन दस्तावेजों को लेने के बाद दुबारा यात्रा करना आसान नहीं रहा, लेकिन फिर भी गड़बडिय़ां जारी है।
नियमानुसार
सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होने वाले वरिष्ठजन इस यात्रा का लाभ नहीं ले सकते। लेकिन कई सेवानिवृत्त वरिष्ठजन ने इसके लिए आवेदन किया और यात्रा का लाभ भी ले लिया।
यात्रा करने वाले वरिष्ठजन ने अपने आवेदन के साथ ही शपथ पत्र भी दाखिल किया है। इसमें सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त नहीं होने की घोषणा के साथ ही पूर्व में नि:शुल्क यात्रा नहीं करने की घोषणा भी की गई है।
अधिकारी बोले : ऑनलाइन से लगी काफी हद तक लगाम
देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने बताया कि पहले जिन वरिष्ठजन ने यात्रा कर ली उनका कुछ नहीं किया जा सकता। लेकिन अब कोई वरिष्ठजन दूसरी बार यात्रा करता है तो पकड़ में आ जाएगा। इस बार भी कई यात्रियों के आवेदन निरस्त किए गए हैं। अब सभी यात्रियों से भामाशाह और आधार कार्ड लिया जा रहा है। इसके बावजूद हमारे कर्मचारी भी लगातार यात्रियों पर निगाह बनाए रखते हैं। ऐसे में दुबारा यात्रा करने का प्रतिशत काफी कम हो गया है। कुछ कमियां हैं तो उन्हें भी दूर किया जाएगा।