इधर, पीडि़त किसान की मानें तो उसके पिता की ओर से लगाए गए आवेदन पर उनकी ओर से 18 दिसम्बर 2015 को रसीद संख्या 953386 के माध्यम से 2575 रुपए जमा कराए गए थे। लेकिन, तीन साल बाद भी उसे कनेक्शन सुविधा नहीं मिली। फिर 28 सितम्बर 2018 को फाइल रि-ओपन के नाम पर रसीद संख्या 80680 से 5 सौ रुपए जमा कराए। लेकिन, डिमांड राशि जमा कराने के बाद भी उसे कनेक्शन की सुविधा से वंचित रखा गया।
प्रार्थी की मानें तो वर्ष 2015 में उनके साथ हुए आवेदनों के तहत गांव के ही किसान प्रताप सिंह पुत्र धनसिंह अटाटिया, किशन सिंह पुत्र सोहन सिंह अटाटिया, नवल सिंह पुत्र धूलसिंह अटाटिया को वर्ष 2017 में बिजली कनेक्शन की सुविधा दी गई। इसके बाद भी उनकी ओर से 6 नबम्बर 2018 को रसीद संख्या 81627 से 11650 रुपए डिमांड के जमा कराए गए, लेकिन अब तक भी उसे बिजली की सुविधा नहीं मिली। उसकी ओर से मामले को लेकर निगम के जिम्मेदारों के अलावा, जिला कलक्टर, कृषि विभाग एवं अन्य ओहददारों को लिखित में शिकायत की गई, लेकिन हल नहीं निकला।
किसान की ओर से जमा कराए गए डिमांड के बाद प्रार्थी मौके पर नहीं मिला। इसके चलते फाइल को रद्द कर दिया गया। wait for agriculture connection फाइल नियमानुसार रि-ओपन होने के बाद कनेक्शन की सुविधा दी जाएगी।
राकेश सोनी, अधिशासी अभियंता, एवीवीएनएल