धार्मिक मान्यता को देखा जाए तो शरद पूर्णिमा से ठंड का अहसास तेजी से होने लगता है। रविवार को पूर्णिमा मनाई गई। इसके साथ ही कई मंदिरों में भगवान को गर्म कपड़े पहनाने शुरू हो जाएंगे। इसके साथ ही प्रभु को लगने वाले भोग में भी परिवर्तन होगा और गर्म तासीर के व्यंजन भोग लगाना शुरू कर दिया जाएगा।
सुहाने लगा गर्म व्यंजनों का स्वाद सुबह और शाम को ठंड का अहसास बढऩे के साथ ही शहर में मिलने वाले गर्म व्यंजन और पेय पदार्थों की दुकानों पर भीड़ लगने लगी है। सुबह और शाम को गर्म जलेबी, दूध आदि का सेवन लोग पसंद करने लगे हैं।
शहर में तिल और गुड़ के व्यंजन भी बिकना शुरू हो गए हैं। इसमें तिलपट्टी, गजक, खजूर, गुड़ का चपड़ा, रेवड़ी आदि के ठेले भी शहर के प्रमुख मार्गों पर लगने लगे हैं।
तारीख … अधिकतम … न्यूनतम 7 अक्टूबर … 31.4 … 20.6
8 अक्टूबर … 31.4 … 21.4 9 अक्टूबर … 31.02 … 20.6
10 अक्टूबर … 31.4 … 18.5 11 अक्टूबर … 31.8 … 17.0
12 अक्टूबर … 31.8 … 17.4