घरेलू काम करने वाली ‘बाई’ ने मांगे अधिकार
रैली निकाल जताया विरोध, राष्ट्रीय घरेलू कामकाजी महिला श्रमिक संगठन
उदयपुर•Dec 10, 2019 / 02:05 am•
Pankaj
घरेलू काम करने वाली ‘बाई’ ने मांगे अधिकार
उदयपुर . राष्ट्रीय घरेलू कामकाजी महिला श्रमिक संगठन द्वारा 16 सूत्री मांगों को लेकर टाउनहॉल से बापू बाजार, देहलीगेट होते हुए कलक्ट्रेट तक रैली का आयोजन किया गया। कलक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्रीय श्रम मंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। घरेलू कामकाजी संगठन की प्रदेश समन्वयक सिस्टर कीर्ति ने बताया कि लंबे समय से घरेलू कामकाजी महिलाओं की समस्याओं को लेकर जिलास्तर, राज्यस्तर पर मांग उठाई जा रही है। घरों में कार्य करने वाली महिलाएं अक्सर शोषण, अत्याचार की शिकार होती है। इनके बच्चों को उचित शिक्षा भी नसीब नहीं होती है। साप्ताहिक अवकाश तक नसीब नहीं होता है। पर्याप्त समय पर वेतन के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। अतिरिक्त कार्य कराए जाने पर कोई भी अतिरिक्त पैसा नहीं दिया जाता है। कार्य छोडऩे पर मकान मालिक चोरी जैसे आरोप लगाते हैं। कार्यस्थल पर पेयजल, शौचालय की सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ता है। कामकाजी महिला अपने घर की सफाई के साथ-साथ दूसरे घर को भी संवारती है। उसके अपने कार्य से कोई पहचान नहीं है। श्रम नीतियों में कोई समानता नहीं है। समानता वेतन जैसे कानूनों ने पक्षपात किया जाता है। हमेशा अशिक्षा व गरीबी के कारण दुव्र्यवहार किया जाता है। घरेलू महिलाएं मारपीट, यौन उत्पीडऩ की शिकार होती है। घरों में काम करने वाली कामकाजी महिलाएं कौन होती है। देश में 50 लाख से अधिक महिलाएं घरेलू कामकाज से आजीविका चलाती है। उदयपुर संभाग में हजारों महिलाएं घरेलू कामकाज से जुड़ी है। 15 साल से 70 वर्ष तक की महिलाएं घरेलू कामकाज से जुड़ी है। घरों में कामकाजी महिलाएं इन्हें किसी श्रम या अन्य अधिनियम में नहीं गिना जाता। जिसके कारण इन्हें कोई संवैधानिक सुविधाएं नहीं मिलती है इनके लिए कोई न्यूनतम मजदूरी दर तय नहीं है। असंगठित क्षेत्र में होने के बाद भी इनके लिए कोई समाज कल्याण बोर्ड की स्थापना नहीं की गई है। इन्हें सामाजिक सुरक्षा जैसे मातृत्व पेंशन बीमा बच्चों चिकित्सा बीमा आदि नियमों का लाभ भी नहीं मिल पाता है। इन्हें व्यक्तिगत समस्या पति के शराबी होने के कारण घरेलू हिंसा का शिकार होना व्यस्त जीवन तथा गरीब होने के कारण पोस्टिक तथा नियमित आहार से वंचित रहती है। अशिक्षा के कारण कई बार ठगे जाती हैं, कई एजेंटों की ओर से लोन व राशन कार्ड बनाने बीपीएल कार्ड के नाम पर मोटी रकम से ठगी का शिकार होती है। जिन स्थानों पर घरेलू कामकाजी महिलाएं निवास करती है वहां पर भी मूलभूत सुविधाओं का बहुत बड़ा अभाव होता है। भारत सरकार श्रम नीतियों में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है पहले से तो मजदूर महिलाओं की सुनवाई नहीं होती है।
इसकी पालना हो महिलाओं ने अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर अपना ज्ञापन कलेक्टर के हाथों प्रधानमंत्री राष्ट्रपति केंद्रीय श्रम मंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर समस्याओं का शीघ्र समाधान हेतु अपील की है। रैली एवं ज्ञापन में उदयपुर शहर के आसपास घरेलू काम से जुड़ी महिलाओं ने भाग लिया। इस दौरान राष्ट्रीय घरेलू कामकाजी संगठन की जिलाध्यक्ष रेखा भटनागर, सचिव लाली सालवी, विजेता बिष्ट, पूजा गोंजाल्विस, लक्षिका जैन, अरावली निर्माण मजदूर सुरक्षा संघ अध्यक्ष गोविंद लाल ओड़ मौजूद थे।
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