मंच से सुर फूटने पर मानो हर दिल थिरकने को मजबूर हो उठा। स्टेज से ही बातों-बातों में गीतों की पेशकश के बीच दर्शक दीर्घा से सुर में सुर मिलाते युवाओं का जोश और तालियों की लयकारी संग हाथ उठाकर झूमने का सिलसिला शुरू से आखिर तक चलता रहा। शंकर महादेवन के गीत…दिल चाहता है.. कोई कहे, कहता रहे, कितना भी हमको दीवाना…लोचा-ए उल्फत हो गया। उफ तेरी अदा…और कजरारे-कजरारे, तेरे कारे-कारे नैना…ने तो दर्शकों को जंपिंग जैक बना दिया। दर्शकों की जोरदार फरमाश पर ब्रेथलेस की बारी आई तो हर सुर ने सांसों को प्यार की खुशबू से महका दिया। इससे पूर्व वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल में इटली की जैज एंड प्रोग्रेसिव आर्किफॉक परफॉर्मर ओई डिप्नोई के ट्रायो ने पारम्परिक और नई संगीत धुनों का मिश्रण करते हुए द्वीप की संगीत संस्कृति को जीवंत कर दिया।
सिसिली आइलैण्ड के सिसिलियन म्यूजिक पर साथी कलाकारों की नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को ऐसा मुग्ध किया कि वे भाषायी दीवारों से परे मस्त मगन नाचने लगे। बांसुरी, डफली, गिटार सहित कई ब्राजीलियाई वाद्य यंत्रों की जुगलबंदी दिलों पर छा गई। इस बीच, मंच पर टिपिकल तरंग तेला डांस की पेशकश के दौरान दर्शकों में उसे कॉपी करने की होड़ मच गई। उसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में परफॉरमेंस के दौरान हाल ही में लांच की गई अपनी नई एलबम का सुंदर गीत सुनाया तो दर्शकों ने तालियों की गडग़ड़ाहट से इस वैश्विक संगीत का इस्तकबाल किया। एकॉर्डियन वाद्य यंत्र पर नुकांतरा धुन का जलवा देखने काबिल था। दूसरी प्रस्तुति फ्लाविया कोहेलो की थी। इसमें उसने ब्राजीलियन लोगों के जल्दी-जल्दी बोलने के अंदाज को गाने के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम राजस्थान पर्यटन विभाग से मालविका सिंह, वेदांता हिन्दुस्तान जिंक से नीलिमा खेतान, वंडर सीमेंट से पी. पाटीदार उपस्थित थे।