जनप्रतिनिधियों का यह दर्द बुधवार को जिला परिषद की साधारण सभा में खुलकर सामने आया। सुनवाई नहीं होने से नाराज कोटड़ा से भाजपा जिला परिषद सदस्य कैलाश लखारा ने इस्तीफा देने की धमकी तक दे डाली तो वल्लभनगर से कांग्रेस सदस्य बैठक में कुर्सी छोड़ कर जमीन पर बैठने लगी। जिला परिषद के सीईओ कमर चौधरी ने मीडिया को साधारण सभा से दूर रखा जिसका मावली प्रधान जीतसिंह ने विरोध दर्ज करवाते हुए कहा कि अफसरशाही की नाकामी छिपाने के लिए चौथे स्तंभ को बैठक से दूर रखना ठीक नहीं है। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन को ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में दो गौरव पथ को लेकर गलत रिपोर्ट भेजने पर सीईओ ने बैठक से बाहर कर दिया।
जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चित्तौडग़ढ़ के सांसद सीपी जोशी, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, वल्लभनगर विधायक रणधीरसिंह, खेरवाड़ा विधायक नानालाल अहारी, सलूम्बर विधायक अमृत मीणा, धरियावद विधायक गौतम दक, झाड़ोल विधायक हीरालाल दरांगी समेत अन्य प्रधान, जिला परिषद सदस्य और विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
गत बैठक के प्रस्ताव पर नहीं हुआ कुछ सुबह ११ बजे जैसे ही बैठक शुरू हुई तो सदस्यों ने गत बैठक के प्रस्तावों की पालना की रिपोर्ट मांगी। इस पर मावली प्रधान ने कहा कि उनके पंचायत समिति क्षेत्र में एक सरपंच के खिलाफ घटिया निर्माण के मामले की जांच अटका रखी है, उस पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है। ग्रामीण विधायक ने एकलिंगपुरा में सरकारी स्कूल के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन अभी तक नहीं हटने पर नाराजगी जताई। मावली से जिला परिषद सदस्य ने कहा कि उनके क्षेत्र में फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट को रोकने का मामला गत बैठक में उठाया जिस पर अभी कार्रवाई नहीं हुई है।
४ वर्ष से विभागों ने सडक़ को बना दी गेंद पीडब्ल्यूडी को लेकर बैठक में खूब हंगामा हुआ। सभी जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए क्षेत्र में स्वीकृत सडक़ें नहीं बनाने पर रोष जताया। अलसीगढ़ वाली सडक़ चार वर्ष में नहीं बन पाई। वन विभाग और पीडब्ल्यूडी इस सडक़ की फाइल को फुटबाल बनाए हुए हैं। खेरवाड़ा और सलूम्बर विधायक ने भी क्षेत्र की पांच सडक़ें नहीं बनाने पर नाराजगी जाहिर की।
विधायक अमृतलाल ने कहा कि चुनाव आ गए और सडक़ें नहीं बनी, जनता को क्या जवाब देंगे? पीडब्ल्यूडी के एसई ने कहा कि मेरे पास ४० प्रतिशत स्टाफ है, उसी से काम करवा रहा हूं।
काम शुरू नही, गौरव पथ बता दिए पूर्ण.. ग्रामीण विधायक फूलङ्क्षसह ने कहा कि वरडा और बड़ी क्षेत्र के दो गौरव पथ निर्माण में एक ईंट तक नहीं लगी और पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन ने उसे पूर्ण बताकर रिपोर्ट जयपुर भेज दी। उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए जवाब मांगा तो एक्सईएन हाथ जोडऩे लगे और कहा कि गलती से रिपोर्ट सब्मिट हो गई। उन्होंने कुण्डाल रोड की स्थिति पूछी तो एक्सईएन कुछ जवाब नहीं दे सके। इस पर सीईओ ने एक्सईएन को बैठक से बाहर भेजते हुए कहा कि एईएन से रिपोर्ट पता कर सदन को बताएं लेकिन वह फिर नजर ही नहीं आए। सीईओ ने पीडब्ल्यूडी के एसई को एक्शन लेने के आदेश दिए।
बायोमेट्रिक मशीन से अटका वेतन सदन में मावली एसडीओ ने कहा कि उनके वहां पर लगा रखी बायोमेट्रिक हाजिरी मशीन अपडेट नहीं है, वेंडर ने उसमें डाटा नहीं डाला। एेसे में बायोमेट्रिक हाजिरी से ही वेतन बनाने के आदेश से कर्मचारियों को एक माह से वेतन नहीं मिला है।
गांव में बिजली नहीं, इस्तीफा ले लो.. विद्युत निगम के अधिकारियों को भी जनप्रतिनिधियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। कोटड़ा के वार्ड ४ से जिला परिषद सदस्य कैलाश लखारा ने कहा कि गांधी सरना गांव में १ हजार लोगों की बस्ती में लाइट तक नहीं पहुंची है जबकि यह पंचायत समिति मुख्यालय पर गांव है। बार-बार समस्या उठाई, अगर काम नहीं करना है तो एेसी कुर्सी क्या करूं मेरा इस्तीफा ले लो। सराड़ा प्रधान ने दीनदयाल ज्योति योजना के तहत ठेकेदार पर पैसे लेकर कनेक्शन देने के आरोप लगाए। वल्लभनगर से जिला परिषद सदस्य माधवलाल अहीर ने बिल लहराते हुए कहा कि भोली-भाली जनता से जिसके घर में एक बल्ब जलता है उससे १० हजार रुपए की वसूली हो रही है जिसकी जांच होनी चाहिए। इस पर अधीक्षण अभियंता गिरिश पारीक ने कहा कि ५ सितम्बर को सभी एईएन एेसे प्रकरणों को निपटाएंगे। कुछ जगह शिकायतें आई तो हमने जांच कमेटियां भी बनाई है।
कानोड़-भीण्डर में उलझी दो पंचायतें… वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र की हींता और धारता पंचायतों को भीण्डर के पास होते हुए कानोड़ में शामिल करने का विरोध हुआ। विधायक रणधीरङ्क्षसह ने कहा कि इसको लेकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज रखा है लेकिन सदस्य ने सदन में दोबारा प्रस्ताव लेने का दबाव बनाया। इस पर सुनवाई नहीं हुई तो माधवलाल कुर्सी छोडक़र जमीन पर बैठने के लिए उठ खड़े हुए। बाद में उनको समझा कर बिठाया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
राशन लेने 15 किलो मीटर का सफर सदन में बडग़ांव प्रधान खूबीलाल ने राशन वितरण को लेकर समस्याएं उठाई। उन्होंने रसद अधिकारी से कहा कि सरे गांव में बायोमेट्रिक राशन वितरण की भारी समस्या है। लोगों को पहाड़ी पर जाकर अंगूठा लगाना पड़ रहा है। वहीं मोरवानिया में वरडा डीलर द्वारा जाकर ही राशन देने की व्यवस्था करने की मांग की ताकि लोगों को परेशान नही होना पड़े। बोकाड़ा में राशन दुकान १५ किलोमीटर दूर होने से कुर्रा में राशन दुकान खोलेन की मांग की गई।
इन महकमों से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं यों तो आए दिन जनप्रतिनिधि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब को सुलभ चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं होने का आरोप लगाते हैं लेकिन बैठक में जब इस विभाग से जुड़ी चर्चा शुरू की तो एक भी जनप्रतिनिधि के पास कोई मामला नहीं था। हालांकि चिकित्सा विभाग का कोई अधिकारी भी बैठक में नहीं था। यही हाल महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ा रहा।
कहां से लाऊं गणित के टीचर शिक्षा विभाग से जुडे़ मसले भी सदन में उठे जिसमें रमसा के तहत निर्माण कार्यों की निगरानी नहीं होने पर जनप्रतिनिधि खफा नजर आए। सायरा के सदस्य ने कहा कि समीजा-सायरा क्षेत्र में स्कूलों की छतें निर्माण के कुछ दिनों बाद ही टपकने लग गई हैं। जब स्कूलों में शिक्षक नहीं होने की समस्या उठी तो जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक नरेश डांगी ने कहा कि गणित के शिक्षक मेरे पास नहीं है, सभी इंजीनियर बन रहे हैं बीएससी कोई नहीं करता। इस पर सदन में ठहाका लग गया।
अड़चन है तो दे दो मौन स्वीकृति जिला परिषद सदस्य भंवरसिंह पंवार ने अलसीगढ़ की सडक़ को लेकर वन विभाग और पीडब्ल्यूडी की अड़चन पर खफा होकर सीईओ से कह दिया कि वह मौन स्वीकृति प्रदान कर दें, काम हो जाएगा। यही नहीं कुछ भवन भी जमीन के स्वामित्व के चलते अटक गए है। मौन स्वीकृति जैसी बात पर सदन मे हंसी का फव्वारा फूट पड़ा। सीईओ ने हंसते हुए कहा कि वह आज ही रिजाइन दे सकते हैं लेकिन मौन स्वीकृति नियम के विपरीत नहीं दे सकते।
जनहित में यूआईटी नहीं कर रही सहयोग
गिर्वा प्रधान तख्तङ्क्षसह ने कहा कि पेराफेरी के गांवों में यूआईटी के नाम सरकारी जमीनें दर्ज होने के बाद जनहित कार्यो में भी यूआईटी मदद नहीं कर रही है जिससे सरकारी योजनाओं के साथ साथ सार्वजनिक हित के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने के बाद लाभार्थी के पास जमीन नहीं है। वहीं देवाली पंचायत क्षेत्र के नयाघर में २०० फीट रोड पर आ रहे श्मशान को लेकर यूआईटी असहयोग कर रही है। मनवाखेड़ा में भवन निर्माण मामले में कब्जे हटाने में देरी से प्रधान उखड़ गए जिस पर यूआईटी अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह ने जल्द कार्रवाई का सदन को आश्वासन दिया।
चुनावी साल ताबड़तोड़ करो काम बैठक में सडक़, बिजली से जुड़े कामों को जल्द करवाने के निर्देश दिए गए। जहां सडक़ें नहीं बनी है वहां पर बारिश के तुरंत बाद काम तेज करने को कहा गया। सीईओ ने दीनदयाल उपाध्याय ज्योति योजना के तहत चुनाव से पहले तक अधिकतर जगह बिजली पहुंचाने के सख्त निर्देश दिए।