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ये है वो यशवंत शर्मा जिसकी उदयपुर में उसकी ही बेटी के सामने निर्मम हत्या कर दी गई, परिजनों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल

locationउदयपुरPublished: Jun 28, 2018 11:54:00 am

Submitted by:

Jyoti Jain

उदयपुर- आबकारी विभाग में आेएस के पद पर कार्यरत यशवंत शर्मा अपनी बेटी काे अहमदाबाद के किसी अस्पताल से दिखाकर गुरुवार तड़के उदयपुर लाैटे थे।

yashwant sharma

ये है वो यशवंत शर्मा जिसकी उदयपुर में उसकी ही बेटी के सामने निर्मम हत्या कर दी गई, परिजनों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल

उदयपुर- राजस्थान के उदयपुर में गुरूवार सुबह बेटी के सामने ही पिता काे मारने की सनसनीखेज घटना सामने आर्इ । आबकारी विभाग में आेएस के पद पर कार्यरत यशवंत शर्मा अपनी बेटी काे अहमदाबाद के किसी अस्पताल से दिखाकर गुरुवार तड़के उदयपुर लाैटे थे।
उदियापोल बस स्टैंड से घर जाने के लिए आॅटाे नहीं मिला ताे बाप-बेटी एक कार में सवार हाे गए। कार में चार लाेग थे। रास्ते में जब यशवंत शर्मा काे पता चला कि कार उनके घर की जगह किसी किसी आैर रास्ते की आेर जा रही है ताे उन्हाेंने इसका विराेध किया।
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इस पर कार सवार लाेगाें ने बाप-बेटी का अपहरण कर लिया आैर किसी सुनसान जगह ले गए। फिर विराेध करने पर आराेपिताें ने यशवंत शर्मा काे चाकू मार दिया। ज्यादा खून बहने से शर्मा की माैके पर ही माैत हाे गर्इ। अज्ञात अाराेपित हत्या के बाद शव काे फेंककर महिला से पर्स आैर माेबाइल छिनकर फरार हाे गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हत्या के कारणाें का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है।
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मृतक यशवंत शर्मा की बेटी का ससुराल जबलपुर में है। वहां उसका एक्सीडेंट हाे गया था। वह उदयपुर आर्इ थी, जिसे दिखाने वे अहमदाबाद गए थे। वहां से लाैटने के दाैरान ही यह घटना हुर्इ।
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उदयपुर/कोटड़ा। माना कि परम्पराएं अपनी जगह है, लेकिन शव की इतनी बेकद्री तो नहीं करें। संवेदनाएं यहां के अफसरों व जनप्रतिनिधियों की भी मर गई है तभी तो उदयपुर के कोटड़ा के वागावत गांव में पांच दिन से युवक का शव खुले में पड़ा है। बारिश से शव भीग रहा है,लेकिन किसी को परवाह नहीं। मौताणे को लेकर सहमति नहीं बनने से लोग शव का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे हैं, वहीं प्रशासनिक अमला भी कमजोर पड़ गया। राज्य मानवाधिकार आयोग ने हालांकि इस ढिलाई पर गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक से स्पष्टीकरण मांग लिया है। आयोग ने कहा कि आनंदपाल प्रकरण में निर्देश देने के बावजूद सरकार ने मौताणे की मांग करने वालों से अंतिम संस्कार को लेकर बात क्यों नहीं की? आयोग ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर यह आदेश दिया है।
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