गिरवी रखा अनाज बेचा, बैंक अधिकारियों सहित 10 व्यापारी 4.56 करोड़ की धोखाधड़ी में फंसे
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने विभिन्न धाराओं में दर्ज किया प्रकरण
उज्जैन. वेअर हाउस में रखे अनाज को गिरवी रख बैंक से करोड़ों रुपए की ऋण धोखाधड़ी करने का मामला उजागर हुआ है। 10 मंडी व्यापारियों ने अपनी फर्म के नाम से इंदौर रोड नवाखेड़ा स्थित वेअर हाउस में अनाज रखा और इसके बदले कुल 4.56 करोड़ का ऋण लिया। बैंक संज्ञान में लाए बगैर इन्होंने स्टॉक बाले-बाले बेचकर बैंक से ठगी की। जबकि माल की जमा रसीद बैंक में ही थी। मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो उज्जैन ने 10 मंडी फर्म संचालक, वेअर हाउस मालिक समेत तत्कालीन बैंक व क्रेडिट मैनेजर पर धोखाधड़ी व षड्यंत्र रचने का प्रकरण दर्ज किया है। सभी ने बैंक ऑफ इंडिया की सेठी नगर शाखा से ऋण लेकर इस ठगी को अंजाम दिया है।
साल 2018 में सामने आए इस मामले की शिकायत इओडब्ल्यू से हुई थी। दस्तावेजी पड़ताल के बाद सभी को नामजद कर आरोपी बनाया गया है। शहर में इस तरह का यह पहला मामला है। दरअसल व्यापारियों द्वारा ऋण लेने के लिए अपना स्टॉक गिरवी रखा जाता है, जिसमें शर्त रहती है कि वे ऋण चुकाए बगैर माल का विक्रय नहीं कर सकेंगे लेकिन इस प्रकरण में व्यापारियों ने वेअर हाउस से माल गायब करवा दिया। मामले में ऋण गारंटर नीलकृष्ण वेअर हाउस संचालक को भी आरोपी बनाया गया है।
इन मंडी व्यापारियों पर दर्ज हुए प्रकरण
भादवि की धारा 420, 409, 467, 471,120 बी एवं भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अनिनियम 2018 की धारा 13 (1) एवं 7 (सी) अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है।
1 – मेसर्स संजोग इंटरप्राइजेस मल्टीपर्पज शॉप, राजेंद्र चौरसिया निवासी 4-26 ऋषि नगर, उज्जैन, ऋण राशि – 82.94 लाख
2 – मेसर्स सिमरन इंटरप्राइजेस, आशीष तारे निवासी ऋषिनगर उज्जैन, ऋण राशि – 77.73 लाख
3 – शुभ लाभ इंटरनेशनल चिमनगंज मंडी, योगेंद्र सिंह राठौर निवासी राजपुर मार्ग ग्राम झुमकी, ऋण राशि – 98.18 लाख
4 – कृषक आत्माराम पटेल, निवासी ग्राम लेकोड़ा आंजना, तहसील नागदा, ऋण राशि – 07.09 लाख
5 – बाबा अंगारेश्वर ट्रेडर्स, चिमनगंज मंडी, नीलेश जायसवाल निवासी ऋषिनगर, उज्जैन, ऋण राशि – 24.01 लाख
6 – मेसर्स छाया इंटरप्राइजेस, पवन जायसवाल निवासी बजरंग नगर आगर रोड, उज्जैन, ऋण राशि – 33.42 लाख
7 – मेसर्स विशाल इंटरप्राइजेस, राजेश जायसवाल, छिपा बरेल ताजपुर, जिला उज्जैन, ऋण राशि – 32.98 लाख
8 – मेसर्स जय गुरुदेव ट्रेडर्स दूधतलाई, मनोज कोठारी कन्हैयालाल मनाना मार्ग उज्जैन, ऋण राशि – 33.14 लाख
9 – केजीएन ट्रेडिंग कंपनी, इकबाल हुसैन, आजाद मार्ग उज्जैन, ऋण राशि – 33.31 लाख
10 – मेसर्स विष्णुलाल उमराव सिंह, गोपाल कोठारी, कन्हैयालाल मनाना मार्ग, गली नंबर 5, उज्जैन, ऋण राशि – 32.98 लाख
11 – ऋण गारंटर – नीलकृष्ण वेअर हाउस नवाखेड़ा इंदौर रोड, संचालक किशोर कुमार जायसवाल, निवासी ऋषिनगर
आरोप – ऋणियों व बैंक प्रबंधन से आपसी षड्यंत्र कर गिरवी रखा माल बेच दिया।
(सभी ऋण की राशि बैंक द्वारा लगाए ब्याज सहित)
बैंक व क्रेडिट मैनेजर भी सहआरोपी
इओडब्ल्यू ने बैंक ऑफ इंडिया सेठी नगर शाखा के तत्कालीन प्रबंधक अनिल जैन एवं क्रेडिट मैनेजर विक्रांत को भी सहआरोपी बनाया है। जांच में यह सामने आया कि इन्होंने भी अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते हुए बैंक को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। इन पर भी सभी धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है। प्रकरण की जांच में इओडब्ल्यू एसआई पीके व्यास, एएसआई अशोक राव, आरक्षक कैलाश बर्वे, मोहन पाल, गौरव जोशी की भूमिका रही।
इनका कहना
ऋण के एवज में गिरवी अनाज को बाले-बाले बेचकर बैंक से ठगी करने के मामले में व्यापारिक फर्म, वेअर हाउस संचालक व तत्कालीन बैंक मैनजर पर धारा 420 व अन्य में प्रकरण दर्ज किए हैं। जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। बैंक प्रबंधन ने भी इस मामले में शिकायत दी है।
राजेश सिंह रघुवंशी, एसपी, इओडब्ल्यू, उज्जैन
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