बेगमबाग कॉलोनी में साजिद उर्फ सज्जू के घर पर सट्टा और हाजिरवली दोनों एक साथ चल रहे थे। क्राइम ब्रांच की दबिश के बाद मोहल्लों के ही लोग बता रहे थे कि लंबे समय से यहां सट्टा चल रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब लंबे समय से सट्टा चल रहा था तो बीट प्रभारी को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी। तत्कालीन महाकाल टीआई गगन बादल ने यहां ध्यान क्यों नहीं दिया। वहीं थाने के दो पुलिसकर्मियों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी शह पर सट्टा चल रहा था। सूत्र बता रहे हैं कि थाने पर लंबे समय से पदस्थ एक पुलिसकर्मी की भूमिका सामने आई है। कुछ समय पहले इसका स्थानांतरण हुआ था लेकिन वापस थाने पर पदस्थी करवा ली। वहीं एएसपी क्राइम ब्रांच सोनकर ने बताया कि वह चार बिंदुओं पर जांच करेंगे। इनमें साजिद उर्फ सज्जू पर गुंंडा अभियान के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई। सट्टा कब से चल रहा था और बीट प्रभारी व पुलिसकर्मी ने ड्यूटी ठीक से क्यों नहीं निभाई। सट्टा चलाने में किन पुलिसकर्मियों की संलिप्तता है।
सट्टे में पकड़े गए २८ लोग थाने से तो १२ कोर्ट से छूटे
क्राइम ब्रांच की दबिश में सट्टा करते पकड़े गए सभी ४० लोग जमानत पर छूट गए हैं। महाकाल टीआई प्रकाश वास्कले ने बताया कि महाकाल पुलिस ने थाने से ही करीब २८ लोगों को सोमवार रात को ही जमानत दे दी थी। वहीं १२ लोगों पर १५१ के तहत कायमी की थी। दरअसल इन पर अन्य आपराधिक प्रकरण भी दर्ज थे। मंगलवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जमानत मिल गई।