उज्जैन. नगर सरकार हर साल जुबानी जमा-खर्च में ही वित्तीय साल पूरा कर देती है।
उज्जैन•Feb 15, 2018 / 12:27 am•
Lalit Saxena
ujjain news,
राहुल कटारिया. उज्जैन. नगर सरकार हर साल जुबानी जमा-खर्च में ही वित्तीय साल पूरा कर देती है। कहने को तो निगम का बजट ७०० करोड़ से अधिक की आय-व्यय वाला तैयार होता है, लेकिन साल के अंत तक वास्तविक आंकड़ा इसके २० फीसदी ग्राफ को भी नहीं छू पाता। साल २०१७-१८ में भी नगर सरकार के यहीं हाल रहे। बजट ७२३ करोड़ रुपए का बना, लेकिन नवंबर तक आय १४३ करोड़ तक ही पहुंची। कुछ माह का गुणा-भाग और होने पर आंकड़ा कुछ और बढ़ जाएगा, लेकिन बड़ा सवाल यहीं है कि आखिर कागजों पर लिखी जा रही बजट की इबारत ख्वाबों से बाहर क्यों नहीं आ पाती….?
पत्रिका ने बजट प्रावधानों व इसकी वास्तविकता की पड़ताल की, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। निगम ने विभिन्न स्त्रोत से जो आय अपेक्षित की उससे २० प्रतिशत राशि भी वसूल नहीं हो पाई। साल की तीन तिमाही हो चुकी हैं, अंतिम एक और शेष है। इसमें जो भी कुछ प्राप्त हो जाएगा बस यहीं नगर सरकार का परफार्मेंस रहेगा। जानकारों की मानें तो बजट बनाने के दौरान जनप्रतिनिधि व अफसर दोनों गंभीरता नहीं दिखाते। इस कारण आंकड़े जादुई होकर कागजी गुणा-भाग तक सीमित रह जाते हैं।
२० प्रतिशत छू पाए, इस बार फिर ४७ करोड़
संपत्तिकर से निगम प्रशासन नंवबर २०१७ तक ५..४८ करोड़ के प्रावधान के एवज में केवल ९.४८ करोड़ रुपए प्राप्त कर सका। साल २०१८-१९ में फिर ये आंकड़ा ४७.३८ करोड़ रखा गया है। आश्चर्य यही कि हर साल संपत्तिकर मिलता बहुत कम है, लेकिन कागजों पर भारी गुणा-भाग दर्शाकर बजट आंकड़े की मजबूती प्रदर्शित की जाती है।
२०१८-१९ बजट में ये बड़े प्रावधान, जिनकी पूर्ति की आस
७ करोड़ – दूधतलाई स्थित सुदामा अनाज मॉर्केट पर कॉम्प्लेक्स निर्माण। ये मद मौजूदा बजट में भी था, पर काम नहीं हो पाया।
६ करोड़ – महेश विहार व ऋषिनगर में उच्चस्तरीय पेयजल टंकी निर्माण। महापौर ने लोगों से ये वादा किया है।
४ करोड़ – पुराने शहर में सर्वसुविधायुक्त ऑडिटोरियम निर्माण। फिलहाल हरसिद्धि पाल के पास ये प्रस्तावित किया है।
३.२० करोड़ – इंदौर गेट स्थित पुराने पटवारी स्कूल की भूमि पर मल्टी लेवल पार्किंग निर्माण।
३ करोड़ – रत्नाखेड़ी गोशाला में गायों को रखने नवीन शेड, रोड, गोअभ्यारण्य सहित अन्य विकास कार्य।
२.६५ करोड़ – शहर के प्रमुख प्रवेश मार्गों पर व महाकाल-शिप्रा नदी क्षेत्र में भव्य प्रवेश (५० लाख से) द्वार निर्माण।
१ करोड़ – दशहरा मैदान स्थित पुराने मेला कार्यालय के पीछे निगम की भूमि पर नवीन गेस्ट हाउस निर्माण।
१.५ करोड़ – निगम परिसर आगर रोड रिक्त भूमि पर निगम कर्मियों के लिए आवास बनाने।
साल २०१६-१७ में ३२ करोड़ कम
इस वित्त्तीय वर्ष में निगम ने ४७.३८ करोड़ की प्राप्ति का लक्ष्य रखा था। लेकिन पूरे साल में प्राप्ति १४.९५ करोड़ की हो सकी। आय बढ़ाने के सारे जतन आंकड़ों के आधे भाग तक भी नहीं पहुंचा पाते।
इनका कहना
&बजट के लक्ष्य पूर्ण होना चाहिए। मौजूदा बजट में जहां काफी कम आय प्राप्त हुई है। उन स्रोत से अगले बजट में वास्तविक आय हासिल हो इसके लिए अमले का पाबंद करेंगे। साथ ही नए बजट में वास्तविक आंकड़ों को ही पेश किया जाएगा।
मीना जोनवाल, महापौर