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उज्जैन

आखिर क्यों जान जोखिम में डालकर कर रहे नदी पार

महिदपुर-करनावद-उन्हेल मार्ग पर स्थित गंभीर नदी पर बनी रपट आए पानी आने से बंद हो जाती है। इस बार 3 माह से निरंतर हुई बारिश से रास्ता बंद रहा।

उज्जैनOct 17, 2019 / 12:46 am

Ashish Sikarwar

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महिदपुर-करनावद-उन्हेल मार्ग पर स्थित गंभीर नदी पर बनी रपट आए पानी आने से बंद हो जाती है। इस बार 3 माह से निरंतर हुई बारिश से रास्ता बंद रहा।

उन्हेल. महिदपुर-करनावद-उन्हेल मार्ग पर स्थित गंभीर नदी पर बनी रपट आए पानी आने से बंद हो जाती है। इस बार 3 माह से निरंतर हुई बारिश से रास्ता बंद रहा। स्कूल से लेकर इस मार्ग से जुड़े करीब एक दर्जन गांव का संपर्क ही टूट गया। प्रशासन ने यहां पर चौकीदार वह पुलिस के माध्यम से कोई व्यक्ति खतरा लेकर मार्ग से ना गुजरें। इस पर काम होता रहा है जबकि यहां पर पुलिया निर्माण के लिए कई सांसद और विधायकों से भी मांग पत्र देकर ग्रामीण थक चुके हैं पर कोई भी जनप्रतिनिधि ने इस की सुध नहीं ली। कुुछ दिन पहले भी यहां पर एक हादसा हुआ था। उसमें जनहानि नहीं हुई थी, लेकिन दो युवक तैरना जानते थे। इस कारण उनकी जान बच गई थी। इस समस्याओं को लेकर सांसद अनिल फिरोजिया व विधायक रामलाल मालवीय के संज्ञान में भी यह समस्या चुनाव से लेकर अभी तक ग्रामीण दे रहे हैं पर हल अभी तक नहीं हुआ।
शासकीय कार्यालय भी बंद रहे
उन्हेल और करनावद के बीच गंभीर नदी पर इस रपट पर पानी अधिक होने पर इस मार्ग से जुड़े गांवों में संचालित होने वाले सरकारी कार्यालय से लेकर पुलिस तक भी गांव में नहीं पहुंच पाती। स्कूल ग्राम पंचायत उप स्वास्थ्य केंद्र आंगनवाड़ी सेवा सहकारी संस्था द्वारा वितरित की जाने वाली सामग्री आदि समय पर नहीं पहुंच रही है। इस मार्ग का चलन इस कारण भी अधिक है कि उन्हेल से महिदपुर पहुंचने के लिए सबसे कम दूरी है जिसके चलते शासकीय व अद्र्धशासकीय विभाग के कर्मचारी भी इस मार्ग से अप डाउन करते हैं। वे भी कार्यालय में समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।
इसलिए आया चलन में
उन्हेल से महिदपुर पहुंचने के लिए यह मार्ग कच्चा था तब एक निजी यात्री बस और कुछ मैजिक चलती थी पर प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत धीरे-धीरे यह मार्ग महिदपुर तक जुड़ गया तब राजघटा पर शिप्रा नदी को पार करना इस मार्ग की सबसे बड़ी चुनौती थी जिसे तत्कालीन सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने सेतु निगम से यहां पर करोड़ों रुपए की लागत से रपट का निर्माण कराया था। उसके बाद मार्ग पर चहल-पहल अधिक बढ़ गई। उन्हीं के द्वारा केंद्र सरकार से लेकर मप्र सरकार तक को पत्र लिखकर गंभीर नदी पर बनी रपट के स्थान पर ब्रिज निर्माण किए जाने की मांग होती रही और उसके बाद गुड्डू चुनाव हार गए दो सरकारों को लिखे जा रहे पत्र व्यवहार ही बंद हो गए।
इस वर्ष में करनावद की रपट को पुलिया के रूप में परिवर्तित कर निर्माण करा दिया जाएगा।
रामलाल मालवीय, विधायक
ग्राम पंचायतों से लिखित समस्या मेरे समक्ष आई है। इसके लिए लोक निर्माण मंत्री व प्रभारी मंत्री के समक्ष मामला रखा जाएगा।
करण कुमारिया, जिपं अध्यक्ष

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