तीन साल बाद क्षिप्रा बड़े पुल के ऊपर, डैम में आया सालभर का पानी
लगातार बारिश से बढ़ रहा जलस्तर, गंभीर के 3 गेट खोले
तीन साल बाद क्षिप्रा बड़े पुल के ऊपर, डैम में आया सालभर का पानी
पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने शहरवासियों को गर्मी से राहत दी ही, गंभीर डैम भी पानी से लबरेज हो गया। इंदौर में भारी बारिश से तीन साल बाद क्षिप्रा नदी के बड़े पुल पर पानी आ गया। रामघाट के कई मंदिर डूब गए।
उज्जैन. दो दिन की सावन की झड़ी और इंदौर में झमाझम से तीन साल बाद क्षिप्रा के बड़े पुल पर पानी आ गया। इससे कई क्षेत्रों में घर और दुकानों में पानी घुस गया। सावन के जाते-जाते जो झड़ी लगी, उसने चौबीस घंटे में १.७० इंच पानी बरसाया। इंदौर में भारी बारिश के चलते यशवंत सागर के गेट खोलने पड़े, जिससे उज्जैन में भी बुधवार को गंभीर डैम का जलस्तर बढ़ गया। गंभीर डैम के भी 3 गेट खोलना पड़े।
बता दें कि अभी मानूसन के ढाई महीने बीते हैं और डेढ़ माह शेष है। इस सीजन में अगस्त माह की वर्षा भारी नजर आ रही है। पिछले दो दिन से हो रही झमाझम बारिश के चलते बुधवार को क्षिप्रा का पानी बड़े पुल पर पहुंच गया। इससे आसपास की निचली बस्तियों में पानी भर गया और वहां के लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू करना पड़ा। निगम की कंट्रोल टीम के साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर खड़े रहकर डूब प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया। बता दें कि पिछले ४८ घंटों में ९४.४ मिलीमीटर(३.७१ इंच) बारिश हुई, जिसके साथ इंदौर में हुई भारी वर्षा का पानी गंभीर तक पहुंच गया। वहीं उज्जैन की बारिश से दो दिन में क्षिप्रा का जलस्तर भी अपेक्षा से अधिक बढ़ गया।
इधर, जल नियंत्रण के लिए बुधवार को गंभीर डैम के तीन गेट खोलना पड़े। मौसम विभाग की मानें तो आज व कल दो दिन और तेज बारिश के आसार हैं। इसे देखते हुए विभाग ने इंदौर के साथ उज्जैन को भी अति भारी वर्षा के क्षेत्र में बताया और ११५.६ मिमी से अधिक वर्षा का अनुमान जाहिर किया है।
चौबीस घंटों में पौने दो इंच बरसा पानी
कभी धीमी, कभी सामान्य और कभी तेज हो रही लगातार बारिश से पिछले २४ घंटों में पौने दो इंच वर्षा हो चुकी है। आसमान से तेज गति से बरसे पानी के कारण कई क्षेत्रों में अफरा-तफरी मच गई। मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर जाएं तो अगले चौबीस घंटे और भारी नजर आ रहे हैं, जिनमें होने वाली घटनाओं से बचने के लिए प्रशासनिक तैयारियों की परीक्षा होगी।
अति वर्षा में यहां होगी चुनौती
ज्यादा बारिश में सबसे पहले गणगौर दरवाजा डूबता है। इसके साथ ही जोन नंबर १ में भेरूनाला, इंदिरा नगर, दानीगेट अनंत पैठ, जूना सोमवारिया, नया सोमवारिया, तिलकेश्वर कॉलोनी, वृंदावनपुरा। दो नंबर जोन में महेश नगर, कमल कॉलोनी, ङ्क्षसहपुरी, कार्तिक चौक, रामघाट, गणगौर दरवाजा, कालियादेह गेट और जोन ३ में चारधाम के पीछे, बेगमबाग, गरीब नवाज बस्ती, नलिया बाखल, सूरज नगर, बिजली घर के पीछे वाली गली डूब में आती है। अगले चौबीस घंटों में होने वाली बारिश के चलते रेस्क्यू दल को यहां निगरानी रखना होगी।
कई क्षेत्रों की सड़कों ने लिया नालों का रूप
दो दिन से हो रही तेज बारिश के कारण सुरक्षा के सारे उपाय ढेर हो गए। नालों में पानी भर जाने से इनका गंदा पानी सड़कों पर जमा हो गया, जिससे कई क्षेत्रों में आवागमन बाधित रहा। रहवासी क्षेत्रों में भी सड़कों पर जमा नालियों के गंदे पानी से फैली दुर्गंध से रहवासी परेशान रहे।
दो सिस्टम और बन रहे, 18 तक बारिश
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश ङ्क्षसह के अनुसार सौराष्ट्र और नार्थ ईस्ट अरेबियंसी के ऊपर में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। एक कम दबाव का क्षेत्र पूर्वी मप्र सागर और दमोह के पास बना हुआ है। यह परिस्थितियां मप्र में मानसून के लिए लाभकारी है। हालांकि तेज और अतिवर्षा की संभावना को लेकर सुरक्षा की ²ष्टि से वार्निंग जारी की गई है। मानसून की अभी जो स्थिति बनी हुई है यह १२ अगस्त तक बनी रहेगी। इसके साथ ही १३ अगस्त को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इन सिस्टम के लगातार आते रहने से इंदौर, उज्जैन संभाग में बारिश की एक्टिविटी बनी रहेगी। इन संभावनाओं के साथ ही मौसम विभाग ने १८ अगस्त तक बारिश के दौर का पूर्वानुमान जाहिर किया।
उज्जैन. इस सीजन में पहली बार बुधवार को गंभीर डैम के गेट खोले गए। रात से सुबह तक गंभीर में इतना पानी आया कि पहली बार में ही डैम के 6 में से तीन गेट खोलना पड़े। जलस्तर मेंटेन करने के लिए डैम से कुल ६ मीटर गेट खोल लगातार पानी आगे की ओर बहाना पड़ा। डैम में इतना पानी आ चुका है, पूरे वर्ष शहर की प्यास बुझाई जा सकती है।
बारिश के लंबी खेंच से अब तक गंभीर डैम अपनी पूरी क्षमता से नहीं भर पाया था। दो दिन से बादलों के डेरे और इंदौर-उज्जैन में हो रही जोरदार बारिश ने कुछ घंटों में डैम को पानी को लबालब कर दिया। मंगलवार देर रात इंदौर के यशवंत सागर डैम के गेट खोला गया। गंभीर में पानी की आवक तेजी से बढऩा शुरू हो गई। इधर, उज्जैन और गंभीर नदी के कैचमेंट एरिया में हुई बारिश से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा। नतीजतन सुबह करीब ७ बजे गंभीर डैम के गेट क्रमांक 3 व 4 को एक-एक मीटर खोला गया। पीएचई कार्यपालन यंत्री राजीव शुक्ला ने बताया कि सुबह 8 बजे डैम का तीसरा गेट, गेट क्रमांक २ भी एक मीटर खोला गया। इसके बाद पानी की आवक जारी रही।
डैम प्रभारी कार्यपालन यंत्री आरके चौबे ने बताया कि तीन गेट एक-एक मीटर खोलने पर भी डैम में पानी की बढ़ोतरी जारी थी। लेवल मेंटेन रखने के लिए दोपहर १२.३० बजे बाद तीनों गेट को दो-दो मीटर तक खोला गया था। इससे 2021 एमसीएफटी पर डैम का लेवल मेंटेन रखा गया। बता दें कि डैम की कुल क्षमता २२५० एमसीएफटी है।
वर्षभर का पानी जमा- गंभीर डैम की कुल क्षमता २२५० एमसीएफटी है। शहर में जलप्रदाय का मुख्य स्रोत गंभीर डैम है। शहर को औसत रोज 4 एमसीएफटी पानी की जरूरत होती है। हालांकि खपत इसकी दोगुनी होती है। पानी का उपयोग मित्वयीयता से करने पर डैम से पूरे साल शहर को जलप्रदाय किया जा सकता है। बुधवार को गेट खोल गए, मसलन डैम में क्षमता से अधिक पानी आ चुका है। इस लिहाज से अगस्त में वर्षभर की जरूरत पूरी करने जितना पानी जमा हो चुका है।ङ्क्षसतबर व अक्टूबर में बारिश का मौसम रहेगा।
पिछले वर्ष सितंबर में पूरी क्षमता से भरा था गंभीर- पिछले वर्ष की तुलना में इस बार डैम डेम महीने पहले लबालब हो गया है। पिछले वर्ष २४ सितंबर को गंभीर डैम पहली बार पूर्ण क्षमता से भरा था।
गंभीर डैम: सालभर के पेयजल की व्यवस्था हुई
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